दोस्तों प्लास्टिक का उपयोग हमारे दैनिक जीवन का एक अटूट हिस्सा बन चुका है। अटूट इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि सुबह से लेकर शाम तक हम ऐसी कई सारी चीजों का उपयोग करते हैं,जो कि प्लास्टिक के पैकेजिंग में होतीहैं,या तो प्लास्टिक से निर्मित होती हैं।
विश्व भर में प्लास्टिक का इतना ज्यादा उपयोग हो रहा है कि इसकी दुष्प्रभाव से हमारा शरीर बहुत अधिक मात्रा में प्रभावित हो रहा है। माइक्रो प्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक के लेवल पर अगर बात की जाए,तो यह हमारे शरीर को अविश्वसनीय रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कई सारी हेल्थ रिसर्च के अनुसार ग्लोबली एक मानव शरीर जाने अनजाने में 11800 से डेढ़ लाख तक माइक्रो प्लास्टिक और नैनोप्लास्टिक को अपने शरीर में समा लेता है। माइक्रो प्लास्टिक का मानव शरीर में प्रवेश कई रास्तों से हो सकता है। जैसे सांस द्वारा, भोजन द्वारा, पेय पदार्थों द्वारा और यहां तक की माइक्रो और नैनोप्लास्टिक को हमारी स्किन अवशोषित भी कर सकती है।
Micro Plastic से शरीर को भारी नुक्सान
New England Journal of Medicine के एक रिसर्च में ये सामने आया है कि माइक्रो प्लास्टिक हमारे ह्यूमन हेल्थ पर अपने दुष्प्रभाव का जाल बिखेर रही है। इस रिसर्च के रिपोर्ट में बताया गया कि माइक्रो प्लास्टिक का हमारे शरीर में प्रवेश कौन-कौन से अंगों को प्रभावित कर सकता है, और कौन-कौन सी बीमारियां उत्पन्न कर सकता है।इसमें मुख्य रूप से हमारी किडनी, हार्ट, लंग्स और ब्रेन के साथ-साथ धमनियां शामिल है।
कई सारी हेल्थ रिसर्च में सामने आया कि हमारे हृदय से हमारे मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त ब्लड की मात्रा सप्लाई करने वाली धमनियां जो की मुख्य रूप से कार्य करती हैं,उनमें माइक्रो प्लास्टिक के पार्टिकल्स पाए गए।
इन माइक्रो प्लास्टिक के पार्टिकल्स के प्लेक हमारी धमनियों में जमा होकर रक्त के प्रवाह को बाधित करता है। जिससे ब्लड के क्लॉट्स एक जगह पर जमने लगते हैं। और ब्लड सेल्स एक जगह इकट्ठा होकर धमनियों में प्लेक का निर्माण करती है। इससे नसों का फटना, हार्ट अटैक, ब्रेन डैमेज,हार्ट स्ट्रोक जैसी बीमारियों की खतरे कई गुना बढ़ जाते हैं।
Micro plastic का शरीर में प्रवेश कैसे?
दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे रोजमर्रा के जीवन में प्लास्टिक बहुत अधिक मात्रा में उपयोग में लाया जाता है। हम हर पैकेट वाली चीज को प्लास्टिक के पैकेजिंग से निकालते हैं।टिफिन का बॉक्स हो या नमकीन की पैकेट ,पानी की बोतल हो या फिर दूध का पैकेट इन सभी में प्लास्टिक का यूज होता है।
प्लास्टिक पैकेजिंग से प्लास्टिक पार्टिकल्स और उनके बीच के बॉन्ड वायुमंडलीय ताप – दाब के प्रभाव से टूटने लगते हैं। जिससे यह अपनी जगह और अपनी पकड़ छोड़कर खाद्य पदार्थों में प्रवेश कर जाते हैं।अति सूक्ष्म और नग्न आंखों से ना दिखाई देने के कारण यह हमारे द्वारा ग्रहण कर लिए जाते हैं। दोस्तों सबसे ज्यादा नुकसान तो हमारी टिफिन बॉक्स में गर्म भोजन रखने और वाटर बोतल में पानी भरने और उसे उपयोग करने से होता है।
वॉटर बॉटल और टिफिन बॉक्स के प्लास्टिक ताप के गिरने पर अपनी बॉन्डिंग बहुत जल्दी छोड़ने लगते हैं। और उनकी माइक्रो प्लास्टिक इसे निकालकर हमारे भोजन और पानी में प्रवेश कर जाते हैं ।और इसी भोजन और पानी के ग्रहण करने पर हमारे शरीर में इनकी अधिक से अधिक मात्रा पहुंचती है।इसके अलावा नमक,मछली,पानी से माइक्रो प्लास्टिक हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
कई बार हम ऐसे स्थानों से गुजरते हैं या फिर ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां पर धुआं और माइक्रो प्लास्टिक हमारे सांस लेने के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो साबुन हम नहाने के लिए इस्तेमाल करते हैं उनमें से कइयों में माइक्रो प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है।
इन्हें अपनी बॉडी पर रगड़ने से हमारी त्वचा की स्किन पोर्स इन्हें अवशोषित कर लेते हैं। और इस तरीके से माइक्रो प्लास्टिक हमारे त्वचा के द्वारा भी हमारे शरीर में प्रवेश करता है।
दोस्तों इन सभी प्रकार से माइक्रो प्लास्टिक हमारे बॉडी को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं इससे कई सारी बीमारियां हमारे शरीर को झेलनी पड़ रहीं हैं। जैसे आज के समय में आसमयिक रूप से बाल का पकना, स्किन प्रॉब्लम्स, लंग कैंसर,किडनी का फेल होना, हार्ड स्ट्रोक, हार्ट अटैक, ब्रेन ट्यूमर,ब्रेन फेल, कैंसर जैसी घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसीलिए दोस्तों प्लास्टिक का कम से कम उपयोग अपने दैनिक जीवन में करें ।और जहां तक हो सके इसे अवॉइड करें। सरकार प्लास्टिक को बंद करने के लिए कई सारी पहल कर रही है पर अभी यह पहल उतनी एक्टिव नहीं है जीतनी की होनी चाहिए।
आशा दोस्तों की आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। और आपको इस जानकारी से काफी कुछ सीखने को मिला होगा। तो इसी आशा के साथ कि आप भी प्लास्टिक का उपयोग काम करेंगे और अपने शरीर की अंगों को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव से बचाएंगे आपसे विदा लेती हूं।अपने इस लेख को बड़े धैर्य और ध्यान से पढ़ा,4 आपका बहुत-बहुत आभार नमस्कार।