कैंसर के मरीज दुनिया भर में बढ़ते जा रहे हैं कैंसर एक भयानक और निश्चित रूप से जानलेवा बीमारी है।हममें से हर कोई जानता है की कैंसर का इलाज पूरी तरह से संभव नहीं हो पाया है।हालांकि ये बात भी सच है की आज के मॉर्डन मेडिकल साइंस के बदौलत कैंसर के शुरुआती स्टेजों में इसे ठीक करने में कामयाबी पाई जा सकती हैं।
दोस्तों लोगों में कैंसर की पहचान काफी देर बाद हो पाती है।अकसर लोग जब डॉक्टर के पास पौंचते हैं तब तक कैंसर 2 से 3 स्टेज पर कर चुका होता है।
कीमोथेरेपी क्या है
कैंसर में मरीजों को दी जाने वाली कीमोथेरेपी का नाम तो आप सब ने सुना होगा।फिर भी आपको बता दें के कैंसर के मरीजों को एक खास प्रकार की दवाओं का सेवन करने के लिए दिया जाता है।जो बॉडी में कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए ली जाती हैं।कीमोथेरेपी के काफी सारे साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं जैसे पेट में जलन,मुंह और आहार नली में छाले पड़ जाना,बालों का झड़ना,रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना,संक्रमण रोगों का होना इत्यादि।
दरअसल कीमोथेरेपी में जिन दवाओं को मरीज लेता हैं, उनमें बॉडी सेल्स को खत्म करने की क्षमता होती हैं।ये दवाएं बॉडी में कैंसर सेल्स और नॉर्मल सेल्स में फर्क नहीं कर पाती। इसी लिए कैंसर सेल्स के साथ साथ नॉर्मल बॉडी सेल्स को भी खत्म होना पड़ता है।इससे ब्लड सेल्स में कमी,रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी,हेयर फॉलिकल्स का नष्ट होना,रोगों से लड़ने वाली एंटी बॉडीज में कमी आने लगती है।
हालाकि पहले के अपेक्षा मॉर्डन मेडिकल साइंस ने काफी एडवांस दवाएं इजात की जिनके साइड इफेक्ट बहुत हद तक कम हो गए।और बालों का झड़ना,छालों का पड़ना जैसी समस्याएं बिल्कुल टेंपरेरी हैं, और दवाएं बंद होने पर फिर से नॉर्मल हो जाते हैं।
प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी
प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी को एडजुवेंट कीमोथेरेपी के नाम से भी जाना जाता है।ये थेरेपी उन लोगों को दी जाती हैं जिनमे कैंसर का इलाज पूरा हो चुका होता है या कैंसर की सर्जरी हुई होती है।डॉक्टरों द्वारा प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी मरीजों को देने का कारण दोबारा कैंसर के प्रभाव से बचना है।याद किसी को कैंसर से आराम मिल गया है और डॉक्टरों को कैंसर के लौट आने के जरा भी आसार लगते हैं तो वे मरीजों को प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी देना शुरू करते हैं।ये कीमोथेरेपी मरीजों में कैंसर सेल्स के पनपने या उनके संख्या में बढ़ते को ठप्प कर देता है और उन्हें नष्ट करने का काम करता है।
हाल ही में ब्रिटेन के राजघराने की बहू केट मिडिलटन को प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी लेते हुए देखा गया।और उन्होंने ने सोशल मीडिया पर इस बात की स्वयं जानकारी दी की उन्हें पेट का कैंसर हो गया था ।जनवरी में उन्हें पेट में कैंसर के सर्जरी से गुजरना पड़ा जिसके बाद केट मिडिलटन दो हफ्ते के लिए सोशल मीडिया से मानों गायब ही हो गई हों।इसके दौरान डॉक्टरों ने उनके सर्जरी के बाद उन्हें प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी देना शुरू किया और अब वे पहले से काफी स्वास्थ्य और तंदुरुस्त हैं।
प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी के साइड इफैक्ट
दोस्तों प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी में मरीजों पर साइड इफेक्ट्स नॉर्मल कीमोथेरेपी वाले देखने को मिलते हैं पर उसकी तुलना में ये प्रभाव 40 प्रतिशत तक कम होते हैं।ये बिलकुल भी दर्द नही देती,इसमें बालों के झड़ने के चांस और काम होते हैं।
मॉर्डन साइंस के तरक्की में प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी में खून की कमी नही होवे इसका भी पूरा ध्यान रखा जाता है,साथ ही खून में TLC यानी व्हाइट ब्लड सेल्स में कमी नही होती।
दोस्तों आशा है आपको प्रिवेंटिव कीमोथेरेपी के बारे में जानकारी अच्छे से समझ आई होगी।आपको बतादें की हम इस बात का बिलकुल भी दावा नहीं करते की मरीज के लिए कीमोथेरेपी खुद से ले लेनी चाहिए बल्कि इस बात को बढ़ावा देते हैं की कैंसर के लक्षणों और उसके स्टेजों को डॉक्टर के परामर्श पर समझें और इलाज लें।