मित्रों हनुमान जयंती को और भगवान हनुमान को लेकर काफी चर्चाएं और उनके गुणों के बखान सुनने को मिलते हैं। उनकी अपार शक्ति,अद्वितीय बुद्धि और उनके अंदर श्री राम को लेकर प्रेम भाव की गणना दुनिया के किसी सुपर कंप्यूटर में नहीं।
भगवान हनुमान के करैक्टर को पर्दे पर लाने के लिए कई सारे सीरियल, फिल्मों और कार्टूनो का सहारा लिया गया।
भारतीय टेलीविजन में कई सारे फ़िल्में और सीरियल्स बने जिनमे हनुमान जी के रोल को प्ले करने के लिए अलग-अलग एक्टर्स को कास्ट किया गया।
मगर 80 के दशक में टेलीविजन के इतिहास में एक ऐसा शो आया जिसे “रामानंद सागर की रामायण” के नाम से पूरी दुनिया में प्रसिद्धि मिली।दोस्तों इस रामायण के प्रत्येक कास्ट के एक्टिंग का प्रभाव इतना सरल और प्रभावी था की इस रामायण जैसी अन्य कोई रामायण आज तक देखने के ना मिली।इसी रामायण में हनुमान जी का रोल निभाने वाले दारा सिंह जी थे।
दारा सिंह ने रामायण में भगवान हनुमान का रोल इतने शिद्दत से निभाया की उनकी छवि सभी दर्शकों के मन में बैठ गई।हनुमान जयंती के समय पर हम दारा सिंह और इस रामायण में उनके रोल को लेकर काफी कुछ जानेंगे और जानेंगे कि उन्होंने ये रोल करने से क्यों मन कर दिया और उन्हें यह रोल कैसे मिला?
पहले एक्टर नहीं पहलवान थे दारा
19 नवंबर 1928 में जन्मे दारा सिंह पंजाब की धरती से जुड़े थे । दारा सिंह एक धाकड़ पहलवान और विश्व प्रसिद्ध रेसलर चैंपियन थे। दारा सिंह फ्रीस्टाइल रेसलिंग में कभी ना हारने वाली रेसलर थे। दारा ने 55 वर्ष की उम्र तक 500 से अधिक कुश्तियां लड़ी जिसमें उन्हें कभी हार का सामना नहीं करना पड़ा।
नहीं बनना चाहते थे हनुमान
दोस्तों दारा सिंह को जब रामायण में भगवान हनुमान का रोल मिला तब उन्होंने इसे करने से मना कर दिया। दारा सिंह का कहना था कि पवन पुत्र हनुमान का रोल किसी यंग एक्टर को देना चाहिए ना कि मुझे जैसे किसी 60 वर्ष के व्यक्ति को।क्योंकि पवन पुत्र जैसी चंचलता कोई युवा ही कर सकता है। परंतु रामानंद सागर के आदेश को दारा सिंह नहीं ठुकरा सके और हनुमान का रोल स्वीकार कर लिया।
सेट पर 8-9 घंटे तक रहते थे भूखे
दारा सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि हनुमान का लुक देने के लिए उनका मेकअप शूट से 3घंटे पहले से शुरू कर दिया जाता था इसके पश्चात 4 से 5 घंटे शूटिंग चलती थी इसके दौरान उनका खाना पीना बंद रहता था।
यह थी दारा सिंह की प्रतिदिन की खुराक
दारा सिंह अपनी आत्मकथा में लिखते हैं कि उनके दिन भर की खुराक में कम से कम एक पाव देसी, तीन से चार लीटर दूध, 100 ग्राम बादाम,और रोजाना आधा किलो मीट शामिल था। तारा सिंह का भजन 115 क तक था और उनकी हाइट 6 फीट 2 इंच तक थी।
उन्होंने रामायण में हनुमान का रोल अपनाने के बाद मीट को हमेशा के लिए त्याग दिया।
कई पहलवानों को दिया दिया पछाड़
दारा सिंह अपने समय के फ्री रेसलिंग की चैंपियन थे उन्होंने सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी पहलवानी का डंका बजाया। 1947 में दारा सिंह सिंगापुर गए जहां पर उन्होंने मलेशियाई चैंपियन त्रिलोक सिंह को चारों खाने चित करके धूल चटाई।पूर्व विश्व चैंपियन जार्ज गारडियांका को कुश्ती में हराकर दारा सिंह ने कॉमनवेल्थ विश्व चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। अमेरिका के विश्व चैंपियन लाऊ थेज को 1968 में कुश्ती में हराकर दारा सिंह वर्ल्ड चैंपियन बन गए।
दोस्तों 1960 के दशक में पूरी दुनिया में दारा सिंह के पहलवानी का बोलबाला रहा और इन्होंने खूब प्रसिद्धि पाई इसी कारण से ही नहीं फिल्मी जगत से भी कई सारे ऑफर आने लगे इसके बाद इन्होंने सबसे अधिक फिल्मों में काम किया। इन्हें सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रामायण के हनुमान के कैरेक्टर से मिली।
आशा है दोस्तों आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।
मिलते हैं किसी अगले लेख में इसमें आपके लिए ढेर सारी जानकारियां होंगी। अपने इसलिए को बड़ी धैर्य ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार!नमस्कार।