वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स पर कोविडशील्ड निर्माता कंपनी ने क्या कहा? जाने जुड़े सवाल

दोस्तों आप सभी ने तो कोरोना वैक्सीन के बारे में उजागर हुई खबर के बारे में जरूर पड़ा और सुना होगा। इस खबर के लोगों के बीच पहुंचने से लोगों में डर और भ्रांतियां फैली हुई है। Covid-19 के समय में दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लिए यूनाइटेड किंगडम के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मदद से एक फार्मा कंपनी ने वैक्सीन तैयार की थी।जिसे Covidshield के नाम से भारत में लाया गया और इसी कोविशील्ड वैक्सीन का टीका 80% लोगों को लगा। 

हाल ही में आई न्यूज़ से पता चल रहा है, की इस वैक्सीन के कई सारे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।जो जान को जोखिम में डालते हैं और कई सारे केस में मौत का कारण भी बन सकते हैं।

दोस्तों आज किस लेख में हम आपके साथ चर्चा करने वाले हैं उन सभी बातों पर जो कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर जुड़ी हुई है। आगे बढ़ते हुए हम जानेंगे कि पूरा मामला क्या है और किन-किन मामलों में इस वैक्सीन का साइड इफेक्ट देखने को मिल सकता है।

किस कंपनी ने निर्मित की वैक्सीन?

Covid-19 के समय पूरी दुनिया में पहले कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए लोगों के पास सिर्फ कुछ जरूरी बचाव ही थे। क्योंकि इस नए और जानलेवा वायरस से बचने के लिए मेडिकल साइंस के पास कोई वैक्सीन या फिर दवा उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में ब्रिटेन की फार्मा कंपनी Astra Zenca ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन का निर्माण किया। 

वैक्सीन का परिचय 

दोस्तों Astra Zenca ने कोरोना वैक्सीन के फार्मूले की खोज करके इस वैक्सीन को AZD- 1222 के नाम से लॉन्च किया और भारत में से कोविशील्ड के नाम से लोगों के बीच लाया गया।Astra Zenca स वैक्सीन फार्मूले को उसे करके भारत में इस वैक्सीन का निर्माण का लाइसेंस पुणे की सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया नाम की फार्मा कंपनी को मिला और इसी ने भारत में इस वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू किया। 

कितने लोगों को लगी वैक्सीन

दोस्तों भारत में लगभग 2 अरब से अधिक लोगों को कोविड की वैक्सीन के टीके लगे। आंकड़ों के अनुसार  लगभग 80% लोगों में कोविशील्ड का ही टीका लगाया गया। क्योंकि इसकी उपलब्धता और प्रोडक्शन कोविड के समय पर अधिक थी।इसके अलावा कोवैक्सीन जैसे टीके लोगों में लगाए गए थे।

वैक्सीन लगवाने से कौन से साइड इफैक्ट्स

दोस्तों कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद अधिक तौर पर हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी मोटा के आंकड़ों में वृद्धि देखी गई। जिसमें वैक्सीन लगवाने के बाद TTS यानी Thrombosis with Thrombocytopenia Syndrome नामक बीमारी हो सकती है।

TTS क्या है

मेडिकल साइंस की भाषा में TTS का मतलब होता है Thrombosis with Thrombocytopenia Syndrome। इस स्थिति में शरीर के विभिन्न अंगों और रक्त के नलियों में खून के थक्के जमने और रक्त में प्लेटलेट्स की कमी होने जैसी गंभीर समस्याएं आ सकती हैं।

शरीर में खून के थक्के जमने से मस्तिष्क और हार्ट की  मुख्य सप्लाई वाली नसें ब्लॉक हो जाने की स्थिति में ब्रेन हैमरेज और हार्ट अटैक जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिसमे जान जाने के खतरे हो सकते हैं।

किन लोगों को हो सकता है TTS?

कोविशील्ड के पहले डोज लगने के बाद लोगों में TTS जैसी स्थितियां देखी गईं। जिससे हार्ट अटैक और ब्रेन हैमरेज के साथ-साथ शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिली। यह समस्या अधिकतर जवान लोगों में देखी गईं।

Astra Zenca के ऊपर केस

ब्रिटेन के कोर्ट में फार्मा कंपनी Astra Zenca के खिलाफ 51 केस फाइल किए गए।इसमें Astra Zenca के खिलाफ Covidshield वैक्सीन के बारे में और इसकी जानलेवा साइड इफैक्ट्स के बारे में कोई जानकारी न देने का आरोप था। जिसमें Astra Zenca के ऊपर कड़ी कार्रवाई और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की गई थी। 

Astra Zenca का बयान

Astra Zenca ने उस समय अपने ऊपर लगे सारे आरोप खारिज करते हुए यह सफाई दी की कोविशील्ड वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है, और इसकी कोई साइड इफेक्ट्स नहीं।लेकिन फरवरी 2024 में Astra Zenca मैं इस बात को स्वीकार किया कि उसके द्वारा बनाई गई वैक्सीन AZD-1222 के कुछ रेयर मामलों में TTS जैसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। जिसमें रक्त के थक्के जमने से हार्ट अटैक और ब्रेन हेमरेज जैसी गंभीर समस्याएं और शरीर के रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।

वैक्सीन से किसको खतरा?

Astra Zenca के डॉक्टरों ने क्या बताया कि इस वैक्सीन के पहले डोज के लगवाने के बाद 5वें से 42वें दिन के अंदर ही यह साइड इफैक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। यदि पहले डोज के बाद यह साइड इफैक्ट्स ना हो तो दूसरे डोज में इन साइड इफेक्ट हो के होने के चांस ना के बराबर हैं।

क्या अब भी डरने की जरूरत?

जैसा की पहले ही Astra Zenca के डॉक्टरों द्वारा बताया गया कि यदि यह साइड इफेक्ट होते भी हैं तो पहले 42 दिन के अंदर ही देखने को मिल सकते हैं।इसके बाद यह साइड इफैक्ट्स होने की चांस नहीं है। इसीलिए जिन लोगों ने वैक्सीन के डोज लगवाए हैं उन्हें चिंता करने और डरने की कोई आवश्यकता नहीं।

कोविशील्ड वैक्सीन का यह पूरा मामला भारतीय सुप्रीम कोर्ट में भेजा जा चुका है। और यह अपील की गई है कि मामले पर पूरी जांच हो और वैक्सीन की भारतीय एक्सपर्ट्स द्वारा शोध किए जाने की अनुमति दी जाए। और यदि इसके साइड इफेक्ट्स  के कारण लोगों ने अपने परिजनों को खोया है उन्हें उचित मुआवजा प्रदान किया जाय।

कुछ तो आशा है आप कोई जानकारी पसंद आई होगी और अपने इसलिए को पढ़कर काफी कुछ जाना होगा। अपने इसलिए को बड़े धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार नमस्कार।

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