रोटी के इतने प्रकार,खाकर आप भी बनाएंगे रोज अलग अलग रोटी।

भारतीय घरों में मूल भोजन के रूप में ‘रोटी’ अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। भारत के भौगोलिक वातावरण और मौसमी वातावरण में आटे की रोटी लोगो के लिए सहज मानी जाती है। क्योंकि भारत के अधिकांश क्षेत्र गेहूं का उत्पादन करते हैं जिससे आटा बनता है। इसीलिए गेहूं के आटे से बनने वाली रोटी भारतीय घरों के आहारों में शामिल ही होती है।

नमस्कार दोस्तों मैं हूं नेहा और हम और आप मिलकर आज के इस लेख में आटे से बनने वाली रोटी के विषय में चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि क्या आटे से बनने वाली रोटी सिर्फ एक ही प्रकार से बनाकर खाई जा सकती है? क्या इसके और प्रकार भी हो सकते हैं?जिससे रोटी का स्वाद बदले और इसका पोषण भी बढ़े।

अधिकतर लोगों को भले ही ना पता पर आटे से बनने वाली रोटी को कई प्रकार से तैयार किया जा सकता है और इसका स्वाद अलग अलग बना सकते है।साथ ही इसके पोषण को भी कहीं अलग-अलग प्रकार से बढ़ा सकते हैं। 

चलिए हम जानेंगे कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें गेहूं के आटे के साथ मिलकर स्वादिष्ट और भूषण युक्त रोटी बनाई जा सकती है तो चलिए आगे बढ़ते हैं। 

चुकंदर की रोटी

दोस्तों चुकंदर के बारे में तो हर कोई जानता है इसे सलाद और सब्जी के रूप में उपयोग में लाया जाता है। चुकंदर में आयरन,पोटेशियम, विटामिन ए,विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई सारे पोषण मौजूद होते हैं। चुकंदर में रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाने के गुण होते हैं। चुकंदर को गेहूं के आटे के साथ मिक्स करके रोटी बनाने पर रोटी का पोषण बढ़ जाता है। साथ ही चुकंदर के भी पोषक तत्व इसमें मिल जातेहैं। इसके लिए चुकंदर को छील कर महीन कद्दूकस करके गेहूं के आटे में मिला लें। डेढ़ कप गेहूं के आटे में एक कप चुकंदर कद्दूकस करके मिला दें और चाहे तो थोड़ा सा पानी ऐड करके इसे अच्छे से गूथ लें। फिर इसे किसी सामान्य रोटी की तरह बेल कर तवे पर सेंक ले। हो सकता है बेल्ट वक्त चुकंदर की रोटी गोल ना बने पर यह किसी सामान्य रोटी की तरह तवे पर सीखने से पक जाता है।ये न केवल स्वाद में अलग होता है, बल्कि कई सारी पोषण के साथ हमारे पेट में जाता है।

पालक की रोटी

चुकंदर की तरह पालक भी आयरन , फोलेट,विटामिन बी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। एक कटोरी पालक की पत्तियों को मिक्सी में डालकर पीस लें और इस पेस्ट को डेढ़ कप आटे में मिलाकर गूथ लें। इसी आटे से रोटी बेलकर तवे पर धीमी आंच पर सेंक लें।इससे रोटी के पोषक तत्व जलते नहीं।पालक से बनी रोटी को खाने पर शरीर में आयरन की कमी नहीं होती जिससे एनीमिया, हीमोग्लोबिन की कमी ,कब्ज, पेट में गैस जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है साथ ही शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।

गाजर की रोटी

चुकंदर की ही तरह आप गाजर को भी गेहूं के आटे में मिलाकर रोटी तैयार कर सकते हैं। जिससे रोटी में कई सारे पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। आप यह तो जानते ही होंगे गाजर हमारी आंखों के लिए कितना फायदेमंद है। गाजर में अच्छी मात्रा विटामिन ए होता है साथ ही विटामिन E विटामिन C जैसे पोषक तत्व और विटामिन मौजूद होते हैं। गाजर में DHT ब्लॉक करने की क्षमता होती है। जिससे बाल का झड़ना कम होता है। एक कप कटे हुए गाजर को महीन कद्दूकस कर लें और डेढ़ कप गेहूं के आटे के साथ मिलाकर गूथ लें। इससे बनी हुई रोटी को खाने से कई सारी बीमारियां और शारीरिक समस्याएं दूर होती है।

ध्यान दें – दोस्तों गेहूं के आटे में सब्जियों को मिलाकर रोटी तैयार करने पर इनके पोषक तत्वों का हमारे शरीर में जाना बहुत जरूरी होता है। जब हम रोटी को तेज आंच पर पकाते हैं तो ऐसे में रोटी में मौजूद पोषक तत्व तेजी से खत्म होने लगते हैं जिससे पोषक तत्वों की अधिकतम मात्रा तवे से हमारे पेट तक जाते जाते खत्म हो चुकी होती है। इसीलिए जरूरी है कि इन रोटियों को धीरे-धीरे पकाया जाए।इसके लिए आपको रोटियां को बनाने के लिए मिट्टी की तवे का उपयोग करना है। आज कल मिट्टियों के बर्तन बाजारों में उपलब्ध है।

दोस्तों आशा है आपको ये जानकारी पसंद आई होगी और आप ने जानकारी से रोटियां के नए प्रकार के बारे में जाना होगा।आपने इस लेख को बड़ी धैर्य ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार! नमस्कार।

21200cookie-checkरोटी के इतने प्रकार,खाकर आप भी बनाएंगे रोज अलग अलग रोटी।