जब भी हम किसी ब्रांडेड दुकान से ब्रांडेड कपड़े लाते हैं तब उसे बहुत संभाल कर रखते हैं और यूज करते हैं,संभाल कर धुलते हैं संभाल कर पहनते हैं। जिससे उसका अपीरियंस लोगों के सामने अच्छा हो पर क्या यह चीज हम अपने शरीर के साथ करते हैं। हमारे शरीर से बड़ा ब्रांड भला और क्या है?यदि हम अपने शरीर को वह सभी न्यूट्रिएंट्स और विटामिन नहीं देंगे जो शरीर को स्वस्थ रखने और ऊतकों के मरम्मत में सहायक होती हैं, तब ऐसे में हमारे शरीर का स्वास्थ्य बेकार होता जाता है। फिर इसपर आप चाहे कितने भी ब्रांडेड या कपड़े जूते पहन लें आपका अपीरियंस बेकार ही होगा।
हमारे शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी न्यूट्रिएंट्स में आज हम बात करने वाले हैं मुख्य रूप से प्रोटीन की। प्रोटीन इसलिए क्योंकि यह एक ऐसा खनिज है जिसकी जरूरत हमारे शरीर को बड़े पैमाने पर होती है साथ ही अधिकतर शारीरिक रासायनिक क्रियाओं में भाग लेता है। शरीर का ढांचा यानी हड्डियों को मजबूती प्रदान करने, मांसपेशियों के विकास और बीमारियों से सुरक्षा जैसी अन्य सैकड़ों चीजों में शरीर प्रोटीन पर आश्रित होता है।
पर अब जो आप जानने जा रहे हैं वह बात चौका देने वाली है। इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के एक रिपोर्ट के अनुसार एशिया के सभी देशों के मुकाबले भारत में प्रोटीन का कंजप्शन सबसे कम है। इस रिपोर्ट में यह सामने आया कि भारत के लोग अपने शरीर को दिन भर में उतना प्रोटीन नहीं दे पाते जितना की उन्हे रोजाना जरूरत होती है। अब आप सोच रहे होंगे कि हमें दिन भर में कितनी ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है? इसका एक सीधा सा फार्मूला समझ लीजिए हर व्यक्ति को अपने प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।अर्थात यदि किसी का वजन 60 kg है तब उस व्यक्ति के शरीर को दिन भर में कम से कम 60 ग्राम प्रोटीन जरूरी है।प्रोटीन की इतनी मात्रा दिन भर में लेने से हमारे शरीर का स्वास्थ्य सुचारू रूप से काम करता है।वहीं यदि आप वर्क आउट या फिर मजदूरी वाला काम करते हैं तब इसके लिए 75 से 80 ग्राम की आवश्कता होती है।
इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च की रिपोर्ट में यह बताया गया कि एशिया के और देशों की अपेक्षा भारत के लोगों में Muscle Infirmity(मांसपेशियों की दुर्बलता) काफी ज्यादा होती है।एशिया के अन्य देश में नॉनवेज फूड्स को रोजाना आहार के तौर पर कंज्यूम किया जाता है। यह बात सच है कि नॉनवेज फूड्स में प्रोटीन की डेंसिटी और फूड्स के मुकाबले ज्यादा होती है। भारत की 40% जनसंख्या वेजीटेरियन है और बाकी के 60 प्रतिशत जनसंख्या में लोग नॉनवेज खाते हैं। पर इन 60% लोगों में सिर्फ 4% से 5% लोग हैं जो नॉनवेज को अपने रोजाना आहार के तौर पर कंज्यूम करते हैं। जबकि बाकी की जनसंख्या नॉनवेज को हफ्ते में एक से दो बार आहार के विकल्प के तौर पर कंज्यूम करती है।
यदि हम बैठकर अपने दिन भर के भोजन में प्रोटीन की मात्रा को इकट्ठा करें तब यह उतनी भी नहीं बन पाती जितनी हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। इसका कारण है कि हमारे भोजन अधिकतर कार्बोहाइड्रेट से परिपूर्ण होते हैं जबकि प्रोटीन से कम। रोटी सब्जी चावल और दाल यह तीन से चार आहार मुख्यता भारतीय घरों में खाए जाते हैं जो कार्ब्स से तो पूर्ण होते है,पर प्रोटीन की मात्रा से मात खा जाते हैं। दाल में प्रोटीन की मात्रा निहित होती है परंतु यदि हमें 60 ग्राम प्रोटीन चाहिए तब कम से कम तीन कटोरी दाल हमें खानी होगी जो की थोड़ा मुश्किल काम है।
एक सामान्य व्यक्ति अपने दिन भर के भोजन में 10 से 12 रोटियां खाता है और कुछ सब्जियां या दाल के साथ चावल। यदि हम अपने दिन भर के आहार में प्रोटीन की मात्रा जोड़ें तब यह मुश्किल से 30 से 35 ग्राम तक जा पाती जो की हमारे दिन भर के कंजप्शन का भी आधा है।
तो फिर ऐसा क्या खाएं और ऐसा क्या आहार में शामिल करें जिससे हमारे दिन भर की प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा किया जा सके। टॉपिक पर हम कल एक ऐसा लेख पोस्ट करेंगे जिसमे हम रिसर्च किए हुए कुछ ऐसे फूड्स को आपके सामने लाएंगे जिनसे आप शरीर की प्रतिदिन की प्रोटीन कंजप्शन को समझते हुए पूरा कर सकेंगे।आपने इस लेख को बड़े धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार।नमस्कार!