इन 3 पौधों के पत्तों का लोहा आधुनिक रिसर्च मानती है,सप्लीमेंट को भी मात देती है।

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं कुछ पौधों के बारे में।पौधे?कैसे पौधे?जी ऐसे पौधे जूना केवल सप्लीमेंट को टक्कर देते हैं बल्कि सप्लीमेंट से कई ज्यादा प्रभावी और कई गुना तत्व से भरपूर होते हैं। 

दूसरी चीज यह है कि हम इन पौधों को अपने गमले में उगा सकते हैं आप इन्हें गार्डन में छत पर किसी छोटे से गमले में रोक सकते हैं और इन पौधों की औषधि के गुना का लाभ ले सकते हैं। 

दोस्तों समय खराब ना करते हुए चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं ऐसे तीन पौधों के बारे में जिनके औषधीय गुण अद्वितीय हैं।

करी पत्ता

दोस्तों करी पत्ता के बारे में तो हर कोई जानता है कई जगहों पर इसे मीठे नीम के नाम से भी जाना जाता है। सब्जियों की मार्केट में आसानी से मिल जाता है।, इसका उपयोग सब्जियों में डाल में कड़ी में तड़का लगाने के लिए किया जाता है। कुछ लोग इसे कहते हैं और कुछ लोग नहीं पर लोगों को इसके औषधि के गुण के बारे में ना के बराबर जानकारी होती है। आपको यह जानना चाहिए की कड़ी पत्ता बालों के लिए बहुत अच्छा सप्लीमेंट है, कड़ी पत्ते में आयरन पोटेशियम प्रोटीन बेटा कैरोटीन विटामिन ए विटामिन सी,एंटी ऑडिडेंट्स और हेयर फॉलिकल्स को मजबूत बनाने के गुण पाए जाते हैं।

इसके साथ ही कड़ी पत्ता शरीर से टॉक्सिंस को पसीने और मूत्र के रास्ते बाहर निकल सकता है और आंतों की सफाई और बेड बैक्टीरिया को खत्म करने में बहुत असरदार है।

उपयोग का तरीकाकड़ी पत्ता को उपयोग करने के लिए आप इसकी 6 से 7 पत्तियां कूंच सकते हैं और जब इसकी लुगदी मुंह में बन जाएं तब इसे निगल जाएं।इसके अलावा सब्जियों,डाल और अन्य भोजनों में आप इसे मिला सकते हैं या तड़का दे सकते हैं।आप करी पत्तों की चटनी पुदीने के साथ बनाकर खा सकते हैं।

अमरूद की पत्तियां

दोस्तों अमरूद की पत्तियां देखने में जितनी ज्यादा साधारण दिखती हैं उससे कहीं ज्यादा असरदार है। अमरूद की पत्तियों में , पोटैशियम विटामिन सी विटामिन b6 एंटीऑक्सीडेंट एंटीमाइक्रोबॉयल एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, इसके अलावा अमरूद के पत्तों में  एंटी-हाइपरग्लिसमिक ब्लड में शुगर लेवल को कम करने में बहुत असर दार हैं। अमरूद के पत्ते मुंह की समस्याओं को दूर करने के सरदार गुण है। आयुर्वेद की  सहिताओं में अमरूद के पत्ते का बहुत बखान मिलता है। और आज की मॉडल साइंस भी अमरूद के पत्तों के गुना के बारे में क्या कहते हैं कि मुंह से बदबू आना दांतों में कीड़े लगना दांतों में पीलापन और मुंह में बार-बार छाले हो जाने पर अमरूद के पत्तों का उपयोग बहुत फायदेमंद है।

इसके अलावा अमरूद के पत्तों में पेट की समस्याओं को ठीक करने के अवयव पाए जाते हैं।डायबिटीज के मरीजों का शुगर लेवल कम करने में अमरूद के पत्ते बहुत असरदार हैं।

उपयोग का तरीकाअमरूद के पत्तों का उपयोग आप कार्य के रूप में कर सकते हैं अमरूद की 5 से 6 नई पत्तियां एक का पानी में उबलने और जब पानी आधा रह जाए तो इसे पिएं यह किसी हर्बल टी से काम नहीं। छालों और ओरल समस्याओं में अमरूद की नई पत्तियों को चबा सकते हैं,और इसके रस को चूस कर इस थूक दें।

मोरिंगा की पत्तियां

दोस्तों हमारे आसपास के पेड़ों में उगा हुआ एक पेड़ मोरिंगा का पेड़ अक्सर देखा जा सकता है। मोरिंगा की पत्तियों को बहुत सी जगह पर सहजन के के पत्तों के नाम से पहचाना जाता है। दोस्तों सहजन के पत्ते मार्केट में बहुत से सप्लीमेंट्स को मार देते हैं। जहां यह माना जाता है कि विटामिन बी12 के अच्छे स्रोत सिर्फ नॉन वेजिटेरियन फूड्स में मिलते हैं वही मोरिंगा इसे गलत सिद्ध करता है। मोरिंगा में पत्तों में पलक से 25 गुना ज्यादा आयरन,केले के मुकाबले 14गुना ज्यादा पोटैशियम,गंजार से 10गुना ज्यादा विटामिन A, दही से 9 गुना ज्यादा प्रोटीन,संतरे से 12 गुना ज्यादा विटामिन C और दूध से 14 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता। चौकिए नही क्योंकि बहुत से काम लोगों को इसके गुणों के बारे में ये विशेष जानकारी है।

सहजन के पत्तों के सेवन के बाद किसी सप्लीमेंट की जरूरत नहीं यकीन ना हो तो आप ब्लड टेस्ट करवाने की बाद एक से डेढ़ महीने मोरिंगा के पाउडर या पत्तियों का उपयोग करें और तब ब्लड टेस्ट करवाएं आपको आश्चर्यचकित कर देने वाले रिजल्ट देखने को मिलेंगे।

उपयोग कैसे करें – मोरींगा की पत्तियों को आप सब्जि, दालों और कड़ी में डाल सकते हैं। वही साउथ इंडियन सांभर में इसकी पतली टहनियां छोटी काट कर डाली जाती है। मोरिंगा पाउडर को आप आता गोट समय सब्जी बनाते समय या फिर सत्तू में मिलाकर खा सकते हैं।

आशा है आपको ये जानकारी पसंद आई होगी और आपने इस जानकारी से काफी कुछ सीखा होगा।आपने इस लेख को बड़े ही धैर्य और ध्यान से पड़ा आपका बहुत आभार। नमस्कार!

34680cookie-checkइन 3 पौधों के पत्तों का लोहा आधुनिक रिसर्च मानती है,सप्लीमेंट को भी मात देती है।