भारत के उद्योगपतियों के इतिहास में शायद ही कोई ऐसी शख्सियत रहा हो जिसे रतन टाटा जैसी प्रसिद्धि और लोगों का स्नेह प्राप्त हुआ है। रतन टाटा न केवल एक सफल उद्योगपति थे बल्कि वह एक सफल इंसान समाजसेवी और सच्चे देश भक्तिथे। यही कारण है कि देश और देश के लोगों के लिए उनके योगदान को लोग याद रखते हैं।
यह बहुत शोक का समय है जब रतन टाटा 86 वर्ष की उम्र में हमें छोड़ कर चले गए। परंतु उनकी दरिया दिल्ली और उनके अच्छे कामों के लिए भारत की 140 करोड़ जनसंख्या उन्हें हमेशा याद रखेगी।
टाटा ग्रुप की शुरुआत लगभग सन 1868 के समय में हुई थी जिसके संस्थापक जमशेद जी टाटा थे।आज के समय में टाटा ग्रुप के अंदर सैकड़ों कंपनिया है।टाटा स्टील,टाटा साल्ट,टाटा कम्युनिकेशंस,टाटा मोटर्स, तानिस्क, फास्ट्रैक,लैंड रोवर,जगुआर से लेकर स्टारबक्स जैसी 100 से अधिक कंपनियां है जिनमें कई सारे लग्जरी ब्रांड में शामिल है,इन सभी को टाटा ग्रुप लीड करता हैं।
रतन टाटा की अगुवाई में टाटा ग्रुप ने आसमान की कई बुलंदियों को छुए और देश की इकोनॉमी को बढ़ाने में टाटा ग्रुप का बड़ा योगदान रहा इसके अलावा रतन टाटा ग्रुप की प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा चैरिटेबल ट्रस्ट में दान कर दिया करते थे।