कौन हैं सांतनु नायडू,क्या यही बनेंगे TATA ग्रुप के उत्तराधिकारी?

भारत के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा 86 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के साथ काम करते हुए अपनी अगुवाई में टाटा ग्रुप को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया और कई सपनों को साकार किया। भारत की अर्थव्यवस्था को ऊपर पहुंचने में टाटा ग्रुप का बड़ा योगदान रहा है इसके लीडर रतन टाटा रह चुके हैं। 

टाटा ग्रुप के अंतर्गत 100 से भी अधिक कंपनियां है।जिसमें लैंड रोवर,जैगवार, टाइटन,स्टारबक्स,टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, तनिष्क ज्वेलर्स,टाटा हॉस्पिटल ट्रस्ट, जैसी सैकड़ों कंपनियां काम करती है।

रतन टाटा अपने जीवन के अंतिम कुछ सालों में शांतनु नायडू के करीब ज्यादा देखे गए जो कि 31 वर्षीय शख्स है। शांतनु और रतन जी के बीच बॉन्डिंग तब बढ़ी,जब शांतनु नायडू ने सड़क पर टहलते हुए कुत्तों के गले में रेडियम पट्टे को बांधने की शुरुआत की,जिससे सड़क पर दौड़ रहे कुत्ते रात में भी साफ नजर आए और उनके एक्सीडेंट्स को बचाया जा सके। 

शांतनु की के पशु प्रेम को देखकर रतन टाटा बहुत प्रभावित हुए और उन्हें जीवन के आखिरी कुछ सालों में दोस्त और अपने बेटे की तरह साथ रखा।रतन टाटा की मृत्यु के बाद कई सारी खबरें है कि टाटा ग्रुप के उत्तराधिकारी शांतनु नायडू होंगे, क्योंकि रतन टाटा ने जीवन भर शादी नही की तो उनका अपना कोई परिवार नहीं है।

टाटा ग्रुप इतनी बड़ी कंपनी है कि इसे अकेले लीड करना संभव नहीं है और पहले से ही रतन टाटा के सौतेले भाई का परिवार टाटा ग्रुप में अपना योगदान दे रहा है। नॉवेल टाटा रतन जी के सौतेले भाई हैं जिनके बच्चे टाटा ग्रुप के कई कंपनियों और उनके कारोबार को बखूबी लीड कर रहे हैं।

तो इस बात में कोई संदेह नहीं की टाटा ग्रुप के अगले उतराधिकार इन्ही में से कोई बन सकता है।

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