कई बार लोगों में फूड प्वाइजनिंग की समस्या देखने को मिलती है। इसके कारण लोगों के पाचन से लेकर लीवर और मस्तिष्क तक समस्याएं देखने को मिलती है।
दोस्तों फूड प्वाइजनिंग का सीधा मतलब खान-पान से होने वाले संक्रमण से है।अर्थात मुंह के द्वारा अंदर गई खाद्य पदार्थ या फिर किसी अन्य चीज के कारण संक्रमण से उत्पन्न पेट की समस्या फूड प्वाइजनिंग कहलाती है।ऐसा तब होता है जब हमारे मुंह के रास्ते किसी फंगल,बैक्टिरियल,वार्येटिक,या फिर कीटाणुओं का प्रवेश होता है,जिसके कारण शरीर के अंदर इन्फेक्शन हो जाता है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार फूड प्वाइजनिंग लगभग 250 से अधिक प्रकार की हो सकती है। फूड पॉइजनिंग के कारण डायरिया, उल्टी सिर चकराना,दस्त, पेट में भयंकर दर्द,बेहोशी,आंतों में जलन और बुखार जुकाम जैसे समस्याएं आ सकती हैं।2017 के एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमण से होने वाली मौतों में ज्यादातर लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार थे।
इसीलिए इन समस्याओं को गंभीरता से लेने की आवश्यकता होती है। क्योंकि यह समस्याएं इतनी में ही न रहकर कभी-कभी बड़ा रूप ले लेती हैं जिसमे खूनी डायरिया, उल्टी के रास्ते से खून, आना दस्त का भयंकर रूप ले लेना, पेट मे असहनीय दर्द ,आंतों में संक्रमण जैसी गंभीर समस्याएं दे सकती हैं।
फूड प्वाइजनिंग की कई सारे कारण हो सकते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि फूड प्वाइजनिंग दूषित खाना खाने से ही नहीं बल्कि अन्य कई कारणों से भी हो सकता है।तो चलिए आगे बढ़ते हैं और कुछ ऐसे मुख्य कारणों को पर नजर डालते हैं जिनसे फूड प्वाइजनिंग ज्यादातर होती है।
संक्रमित भोजन से
कभी-कभी लोग जाने अनजाने में संक्रमित भोजन कर लेते हैं। संक्रमित भोजनों में अक्सर बासी खाना या फिर बिना ढके रखा हुआ खाना , गंदी जगह पर रखा हुआ खाना या फिर भोजन बनाने में उपयोग में लाई गई खाद्य चीज का दूषित होने के कारण भोजन दूषित हो जाता है।
दूषित पानी पीना
दोस्तों फूड प्वाइजनिंग सिर्फ खाने से ही नहीं बल्कि के पेय पदार्थ से भी हो सकती है। कई बार लोग जाने अनजाने में ऐसे पानी पी जाते हैं ,जो पानी दिखने में तो साफ होता है पर सूक्ष्म दर्सी में देखे जाने पर अपने अंदर कई सारी गंदगियां और कीटाणु, विष्णु जैसे जीव समेटे होता है। ऐसा अक्सर पानी को सप्लाई करने वाली टंकी से आने वाले पानी को पीने से या फिर नदियों और स्विमिंग फूलों में नहाते समय पानी घूंट जाने से भी हो सकता है।
एक्सपायर फूड खाने से
कई बार लोग खाने वाली पैकेट के चीजें खरीद तो लेते हैं,पर उसकी एक्सपायरी डेट जांचना भूल जाते हैं।ऐसे में अगर उन पैकेजिंग की चीजों का सेवन कर लिया जाए जिनकी एक्सपायरी डेट जा चुकी है तब इसे हमारे पेट में फूड प्वाइजनिंग हो सकती है इसीलिए जब भी कोई खाने वाली चीज खरीदे तो उसकी एक्सपायरी डेट जरूर जांचे।
मक्खियों और कीट – पतंगों से
कई बार मक्खियों और कई अन्य छोटे की कीट हमारे हाथ मुंह , होंठ और खाने वाली चीजों पर आकर बैठते हैं।यहां पर समस्या तब उत्पन्न होती है जब वह किसी ऐसी वस्तु या फिर चीजों पर बैठ कर आते हैं जो गंदी और कीटाणु और विषाणुओं से युक्त होती है। कभी-कभी मल और कचरो पर बैठकर यह मक्खियों और किट आकर हमारे भोजन और अन्य उपयोग में लाई जाने वाली चीजों पर बैठते हैं। जिनसे उनके पैरों और अन्य अंगों में चिपकी गंदगी हमारे शरीर की अंदर किसी न किसी माध्यम से पहुंचती है। जिसके कारण बैक्टीरिया फंगल या फिर विषाणुओं से होने वाली फूड प्वाइजनिंग हो जाती है।
हाथों को साफ न रखना
दोस्तों हाथों का साफ ना होना एक बड़ा कारण है जिससे फूड प्वाइजनिंग की समस्या सामने आती है।कई बार शौच या फिर अन्य कार्यों के बाद हम अपने हाथों को धोना भूल जाते हैं। जिससे हमारे हाथों में जमी गंदगी के शरीर में प्रवेश से फूड प्वाइजनिंग हो सकता है। इस बात की सुनिश्चितता जरूर रखें कि आपके नाखून मैल से ना भरे हो और नाखून छोटे-छोटे हों।
आशा है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आपको फूड पॉइजनिंग के बारे में काफी कुछ समझने को मिला होगा।
दोस्तों यह थे कुछ ऐसे कारण जिससे फूड प्वाइजनिंग की समस्या हो सकती है आमतौर पर फूड प्वाइजनिंग 24 से 48 या फिर 72 घंटे में ठीक हो जाती है पर डॉक्टर से सही समय पर न मिलने पर यह समस्या बढ़ जाती है,और जानलेवा और घातक भी हो सकती है।तो फूड प्वाइजनिंग को अनदेखा बिल्कुल भी ना करें और इसका एक उचित उपचार अपने डॉक्टर से जरूर लें
दोस्तों अपने इसलिए को बड़े ही धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार।