जानें TTS क्या है और कोविडशील से इसका क्या है रिश्ता।

हममें से हर कोई जानता है कि हमारे शरीर की धमनियों और शिराओं के भीतर रक्त के साथ अति सूक्ष्म रक्त कणिकाएं बहती है। इन्हे ब्लड सेल्स या प्लेटल्स भी कहा जाता है।

ये ब्लड सेल्स न केवल रक्त के माध्यम से शरीर के हर कोशिकाओं तक जरूरी पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचती है अपितु शरीर के ऊपर किसी अघात या चोट लगने पर खून के थक्के जमाने में जरूरी होती हैं।

जब भी हमारे शरीर के त्वचा या फिर मांस में किसी बाहरी आघात की कारण छिलने और कटने जैसी स्थियों में खून बहने लगता है।तब ऐसी स्थिति में चोट वाली जगह पर रक्त के थक्के जमने लगते हैं। और शरीर का खून अधिक बाहर नही जा पाता।

पर क्या हो अगर ये खून के थक्के हमारे शरीर के अंदर नसों में ही किसी कारणवश जमने लगें। ऐसा होने पर हमारे जान के खतरे बढ़ जाते हैं। क्योंकि इससे रक्त का संचार बाधित हो जाता है और रक्त आगे नहीं जा पाता।

TTS क्या है?

दोस्तों TTS का मतलब होता है Thrombosis with thrombocytopenia syndrome।इस बीमारी में शरीर में खून के थक्के जमने लगते हैं और रक्त में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घट जाती है जिससे इंसान की मौत हो सकती है।

थ्रांबोसिस का मतलब रक्त के थक्के बन जाना है।वहीं थ्रोंबोसाइटोपेनिया का अर्थ खून में प्लेटलेट्स की कमी है।समझने वाली बात यह है की जब भी शरीर के किसी भी भाग में रक्त के थक्के जम जायेंगे तब ऐसे में वहां पर अधिक ब्लड सेल्स का जमाव होगा। जिससे इनकी संख्या एक जगह इक्कठा होकर जमने लगेगी और इससे शरीर के अन्य हिस्से के रक्त में इनकी संख्या कम हो जायेगी।

TTS में शरीर के किसी भी अंग में रक्त के थक्के जम सकते हैं।वहीं इससे सबसे ज्यादा हार्ट ,किडनी और मस्तिष्क को असर हो सकता है।जिसमे हार्ट अटैक,ब्रेन हैमरेज और किडनी फेल जैसी स्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं।मस्तिष्क में खून सप्लाई की धमनियों में रक्त के थक्के जम जाने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता।ऐसे में ब्रेन हैमरेज जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।

Covidshield से क्या है जुड़ाव

हाल ही में आई खबरों में ये पता चला की Covidshield बनाने वाली ब्रिटेन की फार्मा कंपनी AstraZeneca ने इस बात का स्वीकारण किया की Covidshield वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को शरीर के विभिन्न अंगों में खून के थक्के जमने और ब्लड प्लेटलेट्स की कमी जैसी सस्याएं हो सकती हैं।जिसे Covidshield वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स के रूप में देखा जा सकता है।

AestraZeneca ने कहा की ये साइड इफेक्ट्स Covidshield के पहले डोज लगवाने के बाद देखे जा सकते हैं।पहले डोज के 4 दिन बाद से 42 दिनों के अंदर इन साइड इफेक्ट्स के कुछ रेयर केस में संभावना हो सकती है।पहले डोज के बाद इस साइड इफेक्ट के न होने पर दूसरे डोज में इसकी संभावना न की बराबर होती है।

तो दोस्तों एक बात को समझ लीजिए की जिन लोगों ने Covidshield की वैक्सीन लगवाए थी उन्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है और न ही उन्हें कोई खतरा है।क्योंकि वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट्स 42 दिनों के अंदर ही देखने को मिल सकते हैं बाद में नहीं।

मित्रों आपने इस लेख को बड़े ही धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार!नमस्कार।

13540cookie-checkजानें TTS क्या है और कोविडशील से इसका क्या है रिश्ता।