ये फूड्स 3 महीने खा लीजिए। शुगर लेवल अपने आप गिर जाएगा

दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं एक ऐसी बीमारी के बारे में  जो हर 5 में से 1 एक व्यक्ति में देखने को मिलती है। डायबिटीज आज के समय में एक आम समस्या का रूप ले रही है। डायबिटीज को शुगर के नाम से भी जाना जाता है। इस समस्या में शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है,और इससे तरह-तरह की बीमारियां होने लगती है। इसीलिए डायबिटीज को सभी बीमारियों की जननी कहा जाता है। क्योंकि डायबिटीज के कारण हार्ट अटैक, अंगों में सूजन, खून का गाढ़ा होना, हाथ-पैर में झुनझुनाहट जैसी अन्य कई बीमारियां होती हैं।

दोस्तों आज के इस लेख में हम पांच ऐसे फूड्स चुनकर लाए हैं, जिनके सेवन से डायबिटीज में शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है।और इन फूड्स के नियमित सेवन से डायबिटीज का स्तर न्यूट्रल किया जा सकता है।।तो चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले जानेंगे की डायबिटीज क्या होता है?और ये क्यों होता है?

डायबिटीज को जानें:डायबिटीज एक शारीरिक बीमारी है जिसमें शरीर में शर्करा(शुगर)का स्तर बढ़ जाता है।शर्करा से गुलुकोज बनता है जिससे शरीर में ऊर्जा बनती है।डायबिटीज की स्थिति में शर्करा का स्तर बढ़ने से ये खून में इक्कठा होने लगाता है ,और रक्त वाहिनियों में जमने लगता है।जिससे रक्त के बहाव में अवरोध उत्पन्न होता है।यही कारण है की डायबिटीज के मरीजों में थकान ,लो ब्लड प्रेशर,हार्टअटैक, जैसी बीमारियों के चांस बढ़ जाते है।इसी लिए डायबिटीज के पेसेंट को मीठा खाने से मना किया जाता है क्योंकि इसमें  शुगर लेवल हाई होने से शरीर में शर्करा की मात्रा बढ़ती है।

डायबिटीज क्यों होता है:हमारे शरीर में एक ऐसा हार्मोन होता है जो शरीर में गुलूकोज और शर्करा का स्तर नियंत्रित करता है।इस हार्मोन को इन्सुलिन कहा जाता है।ये हार्मोन हमारे अग्नाश्य यानी की पेंक्रियाज ग्लैंड में बनता है और वहीं से रिलीज होता है।इसका काम गुलुकोज को बॉडी सेल्स तक पहुंचाना होता है,साथ ही ये शर्करा को छोटे भागों में तोड़ता है और शर्करा की मात्रा नियंत्रित करता है।40 की उम्र के बाद अग्न्याशय में इन्सुलिन बनाना धीमा पड़ जाता है जिसके कारण डॉक्टर्स अग्नाशय को स्टिमुलेट करके इन्सुलिन को बढ़ाने की दवाएं देते हैं।और जरूरत पड़ने पर इन्सुलिन के इंजेक्शन भी लगाए जाते हैं।इन्सुलिन का धीमा पड़ना हमारे गलत खान पान और गलत दिनचर्या से होता है। जब इंसुलिन का बनाना कम हो जाता है, तब हमारी बॉडी में और खून में मौजूद शर्करा जिससे ग्लूकोस बनाता है, हमारे रक्त की नसों में इकट्ठा होती है लगता है और नसों में जमकर रक्त के रास्ते को पतला बनाता है।इसी स्तिथि को डायबिटीज कहते हैं।

दोस्तों ऐसा नहीं है कि यदि किसी डायबिटीज हो गई है तो उसे डायबिटीज परमानेंट तौर पर झेलनी पड़ेगी। डायबिटीज को कंट्रोल करते-करते एक समय बाद इसे जड़ से ठीक किया जा सकता है,जरूरत है तो बस कुछ सावधानियां और खान-पान में सुधार लाने की। यदि आप अपना खानपान सुधार लेते हैं तब डायबिटीज से होने वाली परेशानियों में कमी आती है और धीरे-धीरे शरीर में ग्लूकोज और शर्करा का लेवल कम होने लगता है जिससे यह रक्त वाहिकाओं से निकलने लगते हैं।खान पान में ये समझना जरूरी है की उन चीजों का सेवन किया जाए जो ब्लड में शर्करा(ग्लूकोज)निश्चित मात्रा में रिलीज करें न की अधिक।

सलाद का सेवन करें

डायबिटीज के पेशेंट को डॉक्टर्स अक्सर सलाद खाने की सलाह देते हैं। दरअसल सलाद या फिर किसी भी कच्ची सब्जी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स किसी अन्य भोजन की अपेक्षा कम होता है। क्योंकि यह ब्लड में शर्करा को धीरे-धीरे रिलीज करता है ,और यही तो अच्छी चीज है। चाहे आप लंच करें या फिर डिनर इन दोनों के पहले एक प्लेट सलाद जरूर खाना चाहिए। डायबिटीज के पेशेंट के लिए यह इसलिए जरूरी है क्योंकि डायबिटीज में मरीज को अधिक भूख लगती है और सलाद में फाइबर्स होने के कारण भूख जल्दी मिटती है,साथ ही लंबे समय तक भूख नहीं लगती। सलाद की पर्याप्त मात्रा का लेने पर खाना निश्चित मात्रा में ही खा पाते हैं जिससे डाइट पूरी होती है। सलाद में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो डायबिटीज में बहुत फायदेमंद है।

सलाद के तौर पर आप खीरा, ककड़ी ,गाजर, पत्ता गोभी और मूली जैसे चीजों को नींबू के रस काली मिर्च और नमक में मिलाकर खा सकते हैं

जौ बाजरा और ओट्स जैसे आनाज कर शामिल

दोस्तों डायबिटीज के मरीजों के आहार में जौ बाजरा और ओट्स का बड़ा महत्व है।पिछले 3 से 4 दशकों से गेहूं और चावल का उत्पादन बढ़ाने के लिए इनकी हाइब्रिड बीजों को चुना जा रहा है ।अगर अनाजों में बात करें तो गेहूं और चावल का सेवन शर्करा के लेवल को स्पाइक करता है। क्योंकि इन दोनों अनाजों का ग्लिसमिक इंडेक्स हाई होता है यदि किसी को डायबिटीज नहीं है तब तो उन्हें बेफिक्र होकर खाया जा सकता है। परंतु डायबिटीज जैसी बीमारी में इनका सेवन भी कहीं ना कहीं नुकसान दे साबित होता है। चावल के सेवन से शुगर लेवल बढ़ाने के चांस होते हैं। वहीं पर जौ बाजरा और जई जिसे ओट्स भी कहा जाता है इनमें डायबिटीज को खत्म करने के गुण मौजूद होते हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण के साथ-साथ प्रोटीन फाइबर कैल्शियम भरे पड़े होते हैं। ऐसा नहीं है कि गेहूं और चावल को खाना सही नहीं है परंतु डायबिटीज जैसी स्थिति में इन अनाजों का सेवन सीमित रखें तो ही अच्छा है। रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि डायबिटीज के मरीजों को जो बाजरा ओट्स खिलाने पर गेहूं और चावल के मुकाबले डायबिटीज का लेवल 50 से 60% गिरा। इसीलिए डायबिटीज के मरीज को यह चाहिए कि कुछ दिन के लिए वह गेहूं और चावल से परहेज करके जो बाजरे की मुलायम और टेस्टी रोटी खाकर देखें इससे न केवल एक अलग स्वाद मिलेगा बल्कि डायबिटीज का लेवल चौंकाने वाला होगा

जूस नही साबूत फलों का सेवन है फायदेमंद

दोस्तों डायबिटीज के मरीजों को अक्सर इस बात को लेकर चिंता बनी रहती है कि क्या फलों को खाने से शुगर लेवल बढ़ जाएगा। मगर आपको यह जानना चाहिए कि फ्रूट्स में नेचुरल शुगर होता है साथ ही इनमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरे पड़े होते हैं जो डायबिटीज में नुकसान नहीं बल्कि फायदा पहुंचाते हैं। परंतु फलों को उनके जूस के रूप में लेना डायबिटीज के मरीजों को थोड़ा परेशान कर सकता है क्योंकि इनमें फाइबर ना के बराबर रह जाता है। वही फ्रूट्स में ज्यादातर साइट्रिक फूड लेने चाहिए जैसे कच्चा आम, संतरा, अनानास, नींबू, आंवला इत्यादि। वाही ज्यादा मीठे फलों को खाने से बचना चाहिए जैसे खजूर, पका हुआ आम, केला, तरबूज इत्यादि।

दोस्तों डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार का मुख्य ध्यान रखते हुए ऊपर बताई गई इन चीजों को ढाई से 3 महीने अपने दिनचर्या में शामिल करनी चाहिए। यकीन मानिए आपका शुगर लेवल 2 से 3 महीने में आश्चर्यजनक रूप से घटने लगेगा। क्योंकि ऊपर बताए गए आहार आपके शरीर में इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ावा देते हैं जिससे ब्लड में ग्लूकोज और शर्करा की मात्रा घटती है,और धीरे-धीरे नियंत्रित हो जाती। 

आशा है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और अपने इस लेख को पढ़कर कुछ जाना और समझा होगा।आपने इस लेख को बड़े धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत-बहुत आभार नमस्कार।

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