भारत में जब भी मुख्य अनाजों के विषय में चर्चा होती है तो उसमें सबसे पहला नाम गेहूं और चावल का आता है। भारत में अनाज के रूप में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसल गेहूं है। गेहूं एक पूर्ण आहार के रूप में भी अहम रोल अदा करता है गेहूं से बनने वाली रोटी में वह अपने आप में थोड़ा आहार के रूप में जानी जाती। रोटी में लगभग वे सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कि हमारे शरीर का चाहिए। आयरन,प्रोटीन, पोटैशियम, मैग्निशियम, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट,फाइबर जैसे अन्य जरूरी पोषण रोटी में निहित होते हैं।
पर दोस्तों आज के बाजारों में उपलब्ध कई सारे पैकेजिंग वाले आटो में सिर्फ मिलावट ही नहीं बल्कि गहरी पॉलिशिंग भी की जाती है। जिससे आटे को और सफेद और मुलायम दिखाया जा सके। क्या आप जानते है की पॉलिशिंग के दौरान आटे में से सबसे जरूरी पोषण रिफाइंड करके निकाल दिया जाता है।
जिसके बाद आटे में न्यूट्रिशन ना के बराबर बचता है।हम चोकर(wheat bran)की बात कर रहे हैं। चोकर और कुछ नहीं गेहूं के सबसे ऊपरी भाग के पाउडर फॉर्म को कहते हैं। गेहूं को पीसते समय कंपनियां आटे को मुलायम और सफेद दिखाने के लिए गेहूं की सबसे ऊपरी हिस्से पर अधिक पॉलिश करवाती है,जिससे बचता है सिर्फ सफेद भाग।ऐसा आटा मैदा बन जाता है जिसमें न्यूट्रियंस बहुत कम होते हैं।बहुत से लोग खुद ही आटे को छननी से छान कर चोकर निकल देते हैं।
इसी लिए ये सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है की जो आटा आप आप रोटी बनाकर खा हैं, उसमें चोकर की मात्रा है भी या नहीं। आपको बता दे की चोकर शरीर के लिए बहुत जरूरी है। आटे का अधिकतर पोषण चोकर में निहित होता है।जिसमे फाइबर, आयरन, पोटेशियम ,मैग्नीशियम, विटामिन b12, विटामिन बी6 फोलिक एसिड,प्रोटीन जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं।
आईए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं की आटे में चोकर की मात्रा शरीर को कैसे लाभ पहुंचाती है।
कब्ज नहीं होती
जो लोग अपने आटे में उचित मात्रा में चोकर का सेवन करते हैं उन्हें कब्ज की शिकायतें ना के बराबर होतीहै। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि चोकर में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो की कब्ज जैसी समस्याओं को दूर रखने में मदद करता है। फाइबर हमारे पाचन को बेहतर बनाता है वही शरीर में शुगर लेवल काम करता है।100ग्राम चोकर में 43g तक फाइबर की मात्रा होती है।
डायबिटीज का लेवल घटता है
दोस्तों जो लोग ऐसी रोटियां खाते हैं जिसके आटे में फाइबर यानी कि चोकर की मात्रा अच्छी होती है। ऐसे लोगों की शरीर में कोलेस्ट्रॉल और शुगर का लेवल नहीं बढ़ने पाता। वही ऐसे आटे का सेवन अग्न्याशय को भी स्टीमुलेट करके इंसुलिन हार्मोन की प्रयाप्त मात्रा नियंत्रित रखता है।
आयरन की कमी होती है पूरी
चोकर में अच्छी मात्रा में आयरन होता है जिससे इसका सेवन हमारे शरीर(रक्त)में आयरन की मात्रा बढ़ाता है। रोजाना चोकर युक्त रोटी खाने से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है। जिससे आयरन की कमी से होने वाली बीमारी एनीमिया से बचा जा सकता है।
प्रचुर मात्रा में विटामिन b12 और b6 मिलते हैं।
आटे के चोकर में विटामिन बी12 और विटामिन b6 पाए जाते हैं। यह दोनों ही विटामिन शरीर में तंत्रिकाओं के निर्माण और कोशिकाओं की मरम्मत से लेकर नई कोशिकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। वही अंगों के सही ढंग से कार्य करने, हार्मोन के स्त्राव और डीएनए संश्लेषण में अहम भूमिका निभाते हैं।इसी लिए चोकर का सेवन शरीर के लिए बहुत जरूरी है।
मांसपेशियों के विकास में सहायक
चोकर का सेवन मांसपेशियों के विकास में जरूरी है। चोकर में अच्छी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जिससे न केवल मांसपेशियों की कोशिकाओं की रिकवरी होती है। बल्कि मांसपेशियां के विकास में सहायता मिलती है।100ग्राम चिकर में 15 ग्राम तक प्रोटीन पाया जाता है।
दोस्तों आशा है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आप भी आटे से चोकर को निकाल कर अलग नहीं करेंगे बल्कि आटे के सबसे जरूरी भाग यानी चोकर को मिलकर ही रोटी बनाएंगे। इससे रोटी पोषक तत्वों से भरी होगी। अपनइस लेख को बड़ी धैर्य और ध्यान से पड़ा आपका बहुत आभार!नमस्कार।