बारिश का मौसम चल रह है और ऐसे वातावरण में मौजूद हवा में नमी (Humidity) बढ़ चुकी है।बारिश के मौसम में संक्रमण से फैलने वाली बीमारियां एका एक बढ़ने लग जाती हैं।
आज हम जिस समस्या की बात करने वाले है वो है आई फ्लू (Eye flu)। आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस)बीते दिनों में काफी ज्यादा बढ़ गई है,और बहुत से लोगों में ये देखने को मिल रही हैं।चूंकि ये एक संक्रमित बीमारियों में से एक है इसी वजह से यदि किसी एक व्यक्ति को ये हुई है तो इसके चांस बढ़ जाते हैं की उसके आस पास रहने वाले या संपर्क में आने लोगों को भी हो सकती है।दफ्तर में अगर किसी कर्मचारी को ये है तो और भी इसे संक्रमित हो सकते है,या स्कूल में यदि किसी बच्चे को ये हो जाए तो और बच्चों में आई फ्लू होने के चांस काफी बढ़ जाते हैं।
आगे बढ़ते हैं और जानते है की आए फ्लू के कारण क्या हो सकते हैं?,उसके लक्षण क्या है?, इससे बचाव कैसे हो सकता है? और कुछ महत्व पूर्ण बिंदु।
आगे क्या है
1. आई फ्लू या Conjunctivitis क्या है?
2.इसके लक्षण क्या हैं?
3.कैसे और किन कारणों से फैलता है?
4.इससे बचाव कैसे करें?
5. प्राथमिक उपचार क्या करें?
1.आई फ्लू या Conjunctivitis क्या है
आई फ्लू या जिसे हम कंजंक्टिवाइटिस भी कहते हैं एक संक्रमक बीमारी या समस्या है जो आंखो में देखने को मिलती है।अक्सर नमी वाले मौसमों जैसे की बारिश में इसका प्रकोप ज्यादा हो जाता है।ये बीमारी एडिनो नामक वायरस के संक्रमण से लोगों में फैलती है।कंजंक्टिवाइटिस लोगों के आंखो में सूजन,आंखो से ज्यादा पानी गिरना,आंखो में चुभन,दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनता है।
ये तेजी से फैलता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति की आंखो में जाकर संक्रमण पैदा कर सकता है।
2.इसके लक्षण क्या दिखते हैं?
आई फ्लू में होने वाले कुछ ऐसी लक्षण है जिनसे हम पता लगा सकते हैं की ये इन्फेक्शन हो गया है।
•आई फ्लू में आंखो का लाला होना या जिसे पिंक आई भी कहा जाता है,आंखो में लालिमा रहना जैसे लक्षण देखने को मिल सकती है।
•आंखो से अधिक पानी और चिप छिपा द्रव निकलना आई फ्लू का मुख्य लक्षण है।इसमें आंखो में हरा और पीले रंग का चिप चीपा पदार्थ निकलना जिससे आंखे खोलने में परेशानी और चीजें साफ न देख पाना जैसी समस्या होती है।
•आंखो में चुभन के साथ दर्द का महसूस होना भी आई फ्लू के लक्षण है।इसमें आंखो में दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है जो कभी कभी ज्यादा हो जाता है,साथ ही आंखो में असहनीय चुभन महसूस होती है।
•आंखो का प्रकाश को न सहन कर पाना।लाइट आंखो पर पड़ने से आई फ्लू में आंखे ये प्रकाश सहन नहीं कर पाती और
दर्द होने लगती है
•आंखों में सूजन होना आई फ्लू में कॉमन है।आई फ्लू में आंखो की पलकें और आस पास के कुछ हिस्से में सूजन हो जाती है।
3.कैसे और किन कारणों से फैलता है?
Eye flu एक संक्रमक बीमारी है और ये एक वायरास के संक्रमण से होती है।स्कूल में यदि किसी बच्चे को हुआ है तो औरों को भी हो सकता है।यदि घर में किसी एक व्यक्ति को हुआ है तो और सदस्यों में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।
बैक्टिरियल इन्फेक्शन -आंखों में बैक्टिरियल इन्फेक्शन का होना आई फ्लू के लक्षणों को दर्शाता है।गंदे हाथों से बार आंखो को छूना,आंखो को अच्छे से न धुलना,गंदे या यूज किए टावेल से मुंह पोछना जैसी आदतें आंखो में बैक्ट्रियल इन्फेक्शन पैदा कर सकती है जिससे बाद में आई फ्लू भी हो सकता है।
किसी से मिला संक्रमण – आई फ्लू अक्सर किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से होता है जिसे आई फ्लू पहले से हुआ हो।इससे दूसरों को आई फ्लू होने के चांस होते है।यदि उस व्यक्ति की आंखो से संक्रमण किसी भी चीज के द्वारा आप तक पहुंचता है तो आपको भी आई फ्लू हो सकता है।यदि वो व्यक्ति अपनी आंखो को छूता है और उसकी यूज की हुई कोई सर्फेस,जैसे डोर हैंडल,फ्रिज,टावेल,फेस वॉश पैक जैसी चीजों को अन्य कोई हाथ लगाता है तो ये बैक्टीरिया या वायरस उसके हाथों से आंखों तक पहुंच कर आई फ्लू का कारण बनते हैं।
4.इससे बचाव कैसे करें?
Eye flu या Conjunctivitis एक संक्रमण से होने वाली बीमारी हैं।यहां ध्यान देने वाली बात ये है की अभी तक इसके कोई प्रमाणिक तौर vaccine नहीं बनाई गई हैं,जिससे आई फ्लू को होने से पहले रोकने में मदद मिले पर हां ऐसे बहुत से precaution(पूर्वोपाय) जिन्हें अगर अच्छे से फॉलो किया जाए तो आई फ्लू होने के चांस 95 प्रतिशत तक कम हो जाते हैं।
देखिए आई फ्लू होने की संभावना तब अधिक बढ़ जाती है जब आप बार बार अपने हाथों से अपनी आंखो को छूते है तो इनसे आंखो में बैक्टिरियल इन्फेक्शन होने के चांस बढ़ते है।
यदि किसी व्यक्ति को आई फ्लू है तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें।उसके हाथों और आंखो के कॉन्टेक्ट से बचें।
आंखो से कॉन्टेक्ट से बचने का तात्पर्य ये है की हाथों, चस्मो, या फिर नैपकिन जैसी चीजों से है न की आई कॉन्टेक्ट से। उस व्यक्ति की इस्तमाल की हुई चीजों से बचें जिससे ये वायरस या बैक्टीरिया आप तक न पहुंचे।
इसके अलावा ये सुनिश्चित कर लें की आप जिस पानी से हाथ मुंह धोते या नहाते है वो साफ जगह से तो आ रहा हैं।कई बार ऐसे पानी से नहाने या धोने से जिसमे गंदगी होती है आई फ्लू होने के चांस बढ़ जाते है।
आई फ्लू से बचने के लिए आप चस्मा लगा सकते हैं जिससे जब भी आपका हाथ अचानक से आंखो की तरफ जाता है तो चस्मा बीच में आपके हाथों को रोक देता है।
ये भी जान ले – बहुत से लोगों में ये Myth है की अगर किसी को आई फ्लू हुए है तो हम उसकी आंखो में नहीं देखन चाहिए,नहीं तो हम भी हो जायेगा।ये बिलकुल भी सही नहीं है आई फ्लू हवा के माध्यम से या फिर आई कॉन्टेक्ट से बिल्कुल नही फैलता।
5.प्राथमिक उपचार क्या करें?
देखिए आई फ्लू में राहत देने वाली बात ये है की इसमें आंखो के अपने आप ठीक होने चांस 90 प्रतिशत तक होते हैं।आई फ्लू के वायरस और इन्फेक्शन वाले बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए हमारा इम्यून सिस्टम लगातार काम करता रहा हैं।
ये अपने आप 7 से 15 दिन के अंदर ठीक हो जाता है।
सावधानी ये बरतें की खुद से डॉक्टर न बने।आंख हमारे शरीर का सबसे सेंसटिव पार्ट होता है जिसके साथ बिना सटीक जानकारी के छेड़ छाड़ करना भरी पड़ सकता है।कई बार लोग मेडिकल से आंखो की कोई ड्रॉप बोलकर घर ले आते है और उसे उसे करते रहते है और इसी वजह से कभी कभी इन्फेक्शन आंखो के अंदर पीछे तक फैलता हुआ चला जाता है।
डॉक्टर को दिखाने से वो ये समझ पाता है की इन्फेक्शन बैक्ट्रियल या वायरस से हुआ है,आपको आई फ्लू की दवा देनी है या एंटी बैक्ट्रियल ड्रॉप।
चिकत्शक की अनुपस्थिति में अगर आप घर पर अगर प्राथमिक उपचार करना चाहते है तो हर घंटे आंखो में शुद्ध गुलाब जल डालते रहें।इसे आंखो की रेडनेस और आंखो में ठंडक रहती है।इसके अलावा आप आंखो की साफ कपड़े में बर्फ रख कर सिकाई कर सकते हैं।
आंखो पर काला चस्मा लगाने से प्रकाश से होने वाली चुभन और प्रकाश को न से पाने की समस्या बहुत कम हो जाती है। क्योंकि काला चस्मा प्रकाश को सीधे हमारी आंखो तक पहुंचने से रोकता है।
दोस्तो आशा करता हूं की आपको ये जानकारी जरूर समझ में आई होगी और इस मौसम में जब आई फ्लू ज्यादा फैल रहा है आप अपनी और अपने परिवार की रक्षा के लिए बचावों के तरीकों को जरूर अपनाएंगे।
आपने बड़े ध्यान और धैर्य से इस लेख को पढ़ा आपका बहुत आभार नमस्कार!