मानव सभ्यता ने बदलते समय के साथ विकास की रह अपनाई l समय के साथ-साथ मानव अपने कार्यों को जल्दी करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाता है। आज के समय की स्थिति यह है की हर व्यक्ति अपने दिन भर के काम को जल्द से जल्द निपटाना चाहता है। और इसके लिए वह शॉर्टकट अपनाता है।
आज के समय में भूख लगने पर पैकेट वाले फूड्स हैं,प्यास लगने पर पैकिंग बॉटल में पानी उपलब्ध है, ऐसे ही ना जाने कितनी सारी चीज़ें हमें बिना मेहनत के आसानी से उपलब्ध हो जाए इसके लिए बाजार में उपलब्ध है। पर दिखने में ये चीजें जितनी सरल और अच्छी है उतना ही नुकसानदेह भी है। क्योंकि इन चीजों को काफी दिनों तक स्टोर करके रखा जाता है।और इनके मूल गुणों को कंप्रेस करके इन पर प्रिजर्वेटिव दावों का उपयोग किया जाता है जिससे उन्हें अधिक समय तक स्टोर करते हैं रखा जा सके। हम सभी जानते हैं कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इससे लोगों का समय बचाया जा सके और भाग दौड़ भरी जिंदगी में पैकेजिंग वाली चीज को पलक झपकते ही लोग अपने पास पाएं और समय बचे।
इसी तरह लोगों ने बदलते समय के साथ दातों के मंजन को भी सभी लोगों तक आसानी से पहुंचाने के लिए इसका स्वरूप बदला और पैकेट में डालकर बेचा। पर गौर करने वाली बात यह है कि क्या लोग पहले भी इसी मंजन को उपयोग करते थे। जवाब है नहीं! पहले यह केमिकल और झाग वाले मिश्रण से मंजन नही बनते थे।
पहले के समय के मंजन
यदि 4 से 5 दशक पहले की बात की जाए तब आज के समय में बिकने वाले पेस्ट इतने प्रचलित नहीं थे। और लोग हजारों साल से अपने दांतों को साफ करने के लिए दातुन और नमक,कोयले की रख जैसी चीजों का ही उपयोग करते थे। और हैरान करने वाली बात यह है कि सिर्फ इन्हीं चीजों के उपयोग से बुढ़ापे तक लोगों के दांत साथ रहते थे। दातुन और कुछ नहीं बल्कि अलग-अलग पेड़ों की पतली पतली टहनियां होती हैं जिन्हें दांतों से कूंच कर मुलायम कर लिया जाता था और इससे दांतों को घिसा जाता था। टहनियों में मौजूद एंटीबैक्टीरियल,एंटी फंगल और मुंह की दुर्गंध को दूर करने ,मसूड़ों को मजबूत बनाने जैसे अनेकों गुण मुंह और दातों को साफ और स्वस्थ रखते थे।इसने दातुन के अलावा किसी अन्य सामग्री की आवश्यकता नहीं होती थी। दातुन ही ब्रश थी और दांतों की मंजन थी।
पैकेट वाले टूथपेस्ट का प्रचलन
बदलते दौर और समय के साथ लोग अपने दिनचर्या में अधिक व्यस्त रहने लगे और उन्हें अपने काम पर जाने के लिए अपने नित्य कार्यों को जल्दी करना होता था। इसीलिए उन्होंने सुबह नाश्ते के तौर पर सत्तू और गुड़ खाने की जगह 2 से 3 दिन पुराना पैकेट वाला ब्रेड खाना शुरू कर दिया,शरीर को देर तक मल कर मैल ना छुड़ाने पड़े इसीलिए साबुन का उपयोग होने लगा,सरसों और कोकोनट ऑयल की जगह पतले और केमिकल्स से महकने वाले तेल लगाने शुरू हुए। इसी के साथ ही देर तक दांतों के कोने ना घिसने पड़े इसलिए ब्रश और झटपट केमिकल से बना टूथपेस्ट उपयोग किया जाने लगा।जिसके झाग से पूरा मुंह ठंडा और फ्रेश हो जाता है।
केमिकल वाले टूथपेस्ट के नुकसान
हम सभी जानते हैं कि हम जो टूथपेस्ट रोजाना यूज करते हैं उसमें केमिकल्स मिले होते हैं। पर क्या आप इन केमिकल्स के नुकसान के बारे में जानते हैं। किसी भी टूथपेस्ट में एक मुख्य अवयव होता है जिसे SLS या फिर सोडियम लॉरिल सल्फेट कहा जाता है। इसका मुख्य कार्य मुंह में झाग पैदा करना है जिससे व्यक्ति को फ्रेशनेस और क्लीनिंग का एहसास हो। यदि हम सोडियम लॉरेल सल्फेट के नुकसान की बात करें तो या हमारे पेट में अल्सर,आंतों में सूजन,मुंह में क्षाले और पेट की कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बनता है। रोजाना इसकी थोड़ी-थोड़ी मात्रा हमारे पेट में जाकर गंभीर समस्याएं उत्पन्न करती है। सोडियम लॉरिल सल्फेट से अधिक खतरा बच्चों को होता है क्योंकि वह अक्सर मंजन को चाटते हैं और निगल जाते हैं। यह सोचकर कितना अजीब लगता है कि आज के समय में हर व्यक्ति सुबह उठकर सबसे पहले अपने मुंह में केमिकल भरता हैं, और अपने दिन की शुरुआत केमिकल्स के स्वाद से करता है। इसके अलावा टूथपेस्ट में Triclosan ,Fluoride,Aspartame जैसे हानिकारक तत्व मौजूद होते हैं।ये सभी मुंह में जाकर दातों को साफ तो कर देते है पर दातों के ऊपर स्तिथ इनेमल को हटा देते हैं।जिससे दातों का क्षय होने लगता है।मसूड़ों की पकड़ कमजोर होने जैसी समस्या आती है।
स्वयं से तैयार कर ले दांतों के लिए मंजन
दोस्तों हम जो तरीका आपके साथ साझा करने जा रहे हैं या बहुत ही सरल और आसानी से उपयोग में लाया जाने वाला ऐसा तरीका है जिसकी मदद से हम और आप अपने दातों के लिए बिना केमिकल और हानिकारक तत्वों के मंजन बना सकते हैं। आपको बस समान मात्रा 2 चम्मच,हल्दी पाउडर,2 चम्मच काला नमक और 2 चम्मच लॉन्ग का पाउडर एक छोटे डिब्बे में भर लें और इन तीनों को अच्छे से मिक्स कर लें। बस और कुछ भी नहीं करना है। तैयार है आपका बिना side-effect और बिना केमिकल वाला मंजन। आप रोजाना सुबह इस मंजन की दो चुटकी अपनी हथेलियां पर रखें और उंगलियों या ब्रश की सहायता से मलें।
फ़ायदे– इस मंजन के निर्माण में हल्दी, नमक,और लौंग हैं जिनका कॉम्बिनेशन दातों के स्वास्थ्य के लिए बेस्ट माना जाता है।हल्दी के एंटी इंफ्लामेंट्री,एंटी बैक्टिरियल गुण के साथ,लौंग में Eugneol होता है जो दातों के दर्द ,मसूड़ों में कमजोरी दातों का पीलापन जैसी समस्याओं को दूर करता है।इसके अलावा काला नमक मुंह की एसिडिक वातावरण को कम करके मुंह के PH को कम करता है।इस मंजन के उपयोग से दांतों पर मसूड़े की पकड़ मजबूत बनती है, मसूड़े से खून आना मसूड़े की कमजोरी दांतों में गर्म ठंडा या मीठा लगा मुंह से बदबू आना मुंह सूखना दांतों का पीलापन दांतों, दातों के बीच काला पन जैसे कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
दोस्तों घर पर तैयार की हुई इस मंजन का उपयोग आप एक महीना करके देखिए और आप खुद इस बात को समझ जाएंगे की कैसे केमिकल वाले मंजन मुंह में झाग पैदा करके हमें सिर्फ फ्रेशनेस का एहसास दिलाते हैं जबकि कई सारे साइड इफेक्ट दे जाते हैं। कुछ दिन के इस्तेमाल के बाद आप नियमित तौर पर इसे मंजन का उपयोग शुरू कर देंगे।