डेंगू के लक्षण क्या है? इसे कैसे पहचाने।Dengue symptoms,and prevention

A mosquito in close-up

डेंगू का बुखार एक वायरस जनित रोग है जो मुख्यता मच्छर के द्वारा लोगो तक पहुंचता है।आपको बता दें की बीते दिनों में डेंगू का प्रकोप बढ़ा हुआ है,ऐसे में हमें सचेत रहने और बचाव पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।आज की चर्चा का विषय है की डेंगू को कैसे पहचाने और इससे बचाव कैसे करें और डेंगू का बुखार होने पर प्राथमिक उपचार कैसे करें।

दोस्तों डेंगू (Dengue virus) एक वायरस का नाम है जो की गंदगी और नमी वाले स्थानों से पनपे मच्छरों को संक्रमित करता है,ये मच्छर संक्रमित होकर हमें काटता है,इस दौरान इसके शरीर से ये वायरस निकल कर हमारे बॉडी और रक्त में प्रवेश करता है।ये वायरस हमारे शरीर में धीरे धीरे अपनी संख्या को बढ़ाते जाते है और तेज बुखार ,और जोड़ों में तेज दर्द के साथ इसके लक्षण उभर के से आने लगते हैं।एडीज नामक मच्छर(Aedse mosquito) द्वारा ये संक्रमण लोगों में प्रवेश कर पता है।संक्रमित होने के 1 से 2 दिन में डेंगू के लक्षण उभर के सामने आने लगते हैं।अगर समय पर पहचान कर इसका इलाज शुरू कर दिया जाए तो जल्दी रिकवर होने के चांस बढ़ जाते हैं।

आइए जानते है डेंगू होने पर इसके लक्षण(symptoms) क्या – क्या सामने आते हैं –

तेज बुखार(104°F- 105°F)के साथ कपकपी आना

हड्डियों में जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर

 दर्द

जी मचलाना, उल्टी होना 

तेज सिर दर्द होना

डिहाइड्रेशन हो जाना

आंखों के पीछे दर्द होना

डेंगू होने पर लोगों में सबसे ज्यादा परेशानी वाली बात होती है 

कि ब्लड प्लेटलेट्स काउंट बहुत कम हो जाता है,जहां एक स्वस्थ मनुष्य शरीर के रक्त में प्लेटलेट्स काउंट 150000 प्रति माइक्रोलीटर से 450000 प्रति माइक्रोलीटर तक होता है वहीं ये डेंगू होने पर 70 हजार से 30 हजार तक या उससे भी कम हो जाता हैं ऐसे में लोगो की जान भी जा सकती है। इस स्तिथि को थ्रोंबोसाइटोपेनिया कहते हैं।

डेंगू होने पर सबसे ज्यादा जरूरी है की जल्द से जल्द चिकत्सक के पास जाएं और उचित दावा लें। ऐसी स्तिथि में अक्सर डॉक्टर कुछ जांचे करवाने की सलाह देते है,जिसमे से सबसे पहले प्लेटलेट्स काउंट का पता लगाया जा सके।

Blood sample positive with dengue virus

इसके लिए  CBC (कंप्लीट ब्लड काउंट) नमक खून की जांच की जाती है।इससे प्लेटलेट्स की असल संख्या जानने के बाद उन्हें बढ़ाने की और सामान्य स्तिथि में लाने दवाएं दी जाती हैं।

इसके अलावा सांस फूलने जैसी समस्याओं को देखते हुए डॉक्टर फेफड़ों और चेस्ट जैसे अंगों के टेस्ट की सलाह देते हैं जिसमे LFT (लीवर फंक्शन टेस्ट) और चेस्ट X-ray जैसे टेस्ट होते हैं।इसमें फेफड़ों में तरल का भराव(प्ल्यूरल इफ्यूजन) और हृदय के आस पास तरल का इकट्ठा हो जाना (पेरिकार्डियल इफ्यूजन) जैसी स्थियों की जांच हो जाती है।और चिकत्शा के दौरान सटीक उपचार और दवाओं का पता चल पता है।

डेंगू (Dengue) का संक्रमण कैसे होता है?

अगर देखा जाए तो मुख्यता डेंगू का बुखार मुख्यता मच्छर से ही फैलता है।मान लिजिए की एक ऐसा मच्छर जो की डेंगू virus से संक्रमित है और आपको काटता है इससे आपको डेंगू हो गया।अब अगर आप डेंगू से संक्रमित है और आपको कोई मच्छर काटता है तो वो भी डेंगू से संक्रमित हो जायेगा और आपके बाद वो जिस जिस को भी काटेगा वो डेंगू से संक्रमित हो सकता है।

इसके अलावा जन्म के दौरान यदि कोई मां डेंगू के बुखार से संक्रमित है तो होने वाला शिशु भी संक्रमित हो सकता है हालांकि ये बहुत कम स्तिथियों में होता है।

इसके अलावा डेंगू साथ बैठने या हाथ मिलाने या फिर सेक्स के दौरान नही फैलता।

डेंगू होने पर प्राथमिक उपचार ये कर सकते हैं –

डिहाइड्रेशन- डेंगू होने पर शरीर में डिहाइड्रेशन होने लगती है जिसे रोकने के लिए तरल पेय कैसे नींबू पानी, नारियल पानी,और अन्य जूस पीते रहें।ये शरीर में खोए हुए हाइड्रेशन को दूर करता है,जिससे सभी अंग relax और शांत रहते हैं।

दर्द निवारक दवाएं – डेंगू होने पर बुखार के साथ साथ जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द खिंचाव होने की स्थित आ सकती है ऐसे में बुखार को कम और  दर्द निवारक दवाएं ले सकते हैं।एसिटामिनोफेन जैसी दवाएं जिनमे मुख्य अवयव पैरासिटामोल होता है किसी भी मेडिकल से ओवर द काउंटर ले सकते हैं,परंतु इसी पर आश्रित न रहे जल्द से जल्द डॉक्टर को सूचित करें।

आराम है जरूरी – डेंगू होने पर जरूरी है की आप दवाओं के साथ साथ शरीर को पर्याप्त आराम भी दें।क्योंकि ऐसी स्थितियों में शरीर में एंटी बॉडीज डेंगू के वायरस से लड़ती है,और उन्हें शरीर का पूरा सहयोग चाहिए होता है।

डेंगू से बचाव के लिए क्या करें

डेंगू से बचाव के लिए सबसे पहला जो कदम है वो साफ सफ़ाई है,जब हमारे आस पास और घर में या कमरे में उचित साफ सफाई होगी तो मच्छरों को छिपने के चांस कम हो जाते हैं।

मच्छरों के प्रकोप अधिक होने पर खिड़कियां बंद रखें और मच्छरों को भगाने के उपाय जैसे धुना,या इलेक्ट्रिक यंत्रों का उपयोग करें।

बाहर निकलते समय फुल स्लीव के कपड़े पहने और आधी से अधिक शरीर के हिस्सों को ढकें।

• बच्चों और बूढ़ों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है और काम लचीली होती है तो उनका खास ध्यान रखें।

• सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें।

•अपने आस पास पानी के जमाव और भराव को रोकें क्योंकि इससे मच्छर पैदा होते हैं। जहां पर मच्छरों के लार्वा पनप रहें हो वहां पर कीटनाशक दवाओं या फिर चुने का छिड़काव करें।

दोस्तों ये थी कुछ जानकारियां जो की डेंगू के बारे में हम अवगत कराती है,डेंगू की जानकारी होने पर हम इसके बचाव और उपचारों को जल्दी अपना सकते है और इसके प्रभाव से बहुत हद तक बीच सकते हैं।

आशा करता हूं की आपको ये जानकारी पसंद आई होगी आपने इस लेख को बड़े ध्यान और धैर्य से पढ़ा आपका बहुत आभार।नमस्कार!

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