Heart attack का मुख्य कारण कैलोस्ट्रोल,मोटापा,डिप्रेशन।

हृदय की बीमारियां लोगों में दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं, कारण है व्यस्त जीवन और शरीर के स्वास्थ्य की अनदेखी।लोग क्या खा रहें हैं,कब खा रहें है और कितना खा रहें हैं इन चीजों का असर हमारे शारीरिक अंगो पर देखने को मिलता है।

आज हम बात कर रहें है Heart attack के बारे में जिसे समझना हर किसी की जरूरत है।हमारे शरीर में हार्ट का काम खून को पंप करना होता है,जिससे पूरे शरीर में एक एक कोशिकाओं तक रक्त पहुंचे और इससे उन्हें जरूरी पोषक तत्व मिलें और एनर्जी मिले।

हार्ट अटैक का मतलब हार्ट के काम में बाधा उत्पन्न होने,या फिर उसके स्वास्थ्य की स्तिथि खराब होने से हार्ट का फेल हो जाना है।कभी कभी हार्ट अटैक धमनियों में रक्त प्रवाह में रुकावट होने से,रक्त में टॉक्सिंस की मात्रा अधिक होने से ,तो कभी हार्ट पर अधिक लोड या दबाव पड़ने से हो सकता है।आगे बढ़ने से पहले जान लेते हृदय के बारे में कुछ सामान्य जानकारियां।

हमारा दिल दिन के 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन बिना रुके और बिना थके काम करता हैं।

हमारा हृदय एक मिनट में लगभग 70 से 80 बार धकड़ता(beat), और दिन भर में लगभग 1 लाख बार।पूरे दिन में हृदय 6000 से 7000 लीटर खून पंप कर देता है।

ये तो हो गईं हृदय के विषय में कुछ सामान्य जानकारियां, जिन्हे सबको जानना जरूरी है,परंतु इन सबके अलावा हृदय का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है।हृदय के स्वास्थ्य की अनदेखी हार्ट प्रॉब्लम्स को न्योता देती है,इन्ही प्रॉब्लम्स में से सबसे खतरनाक है हार्ट अटैक।

सबसे पहले पहले जानते हैं,हार्ट अटैक के मुख्य कारणों को

मोटापा

जिन लोगों का वजन मोटापे के कारण अधिक होता है उनमें heart attack के चांस अधिक हो जाते हैं।शरीर का मोटापा बढ़ से नसों में फैट जमा होने लगता है जिससे रक्त संचरण में रुकावट पैदा होती है।शरीर का बढ़ता वजन एलडीएल, ट्राइग्लिसराइड की मात्रा को बढ़ाता है जो हृदय के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं हैं।

डायबिटीज

डायबिटीज रक्त में शुगर की अधिकता को दर्शाता है जिससे कई और बीमारियां उत्पन्न होती हैं।लंबे समय तक रक्त में शुगर की अधिकता होना हृदय को नुकसान पहुंचता है।

कैलोस्ट्रॉल

Cholesterol plaque in artery.

कैलोस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो पर ये धमनियों में जमा होने लगता है जिससे ब्लड फ्लो ब्लॉक होने लगता है धमनियां सीधे हमारे हृदय से जुड़ी होती हैं जिससे हृदय पर अधिक जोर पड़ता है। नसों में कैलेस्ट्रोल के जमाव से रक्त अच्छे से फ्लो नहीं कर पाता जिससे हार्ट पर अधिक जोर पड़ता ही यही धमनियों के फटने और हार्ट अटैक का कारण बनता है।

हाई ब्लड प्रेशर

अधिक रक्त चाप से हृदय पर सीधा असर पड़ता है।इस स्तिथि में हृदय को सामान्य से दोगुना कम करना पड़ जाता है।हाई बीपी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है और  नसों में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है ऐसे में हृदय पर अधिक दबाव पड़ने से हार्ट अटैक आ सकता है।

डिप्रेशन

हार्ट रिसर्च्स के मुताबिक डिप्रेशन(अवसाद),तनाव,और एंजाइटी से हार्ट हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है।

डिप्रेशन से ग्राषित व्यक्ति में आंतरिक घबराहट और तनाव से रक्त में मौजूद प्लैटल्स में चिपचिपा पन और रक्त के थक्के जमने के चांस बढ़ जाते है इससे हार्ट फेल या हार्ट अटैक के चांस 64 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं।सही समय पर डिप्रेशन का इलाज और इसकी रोक थाम हार्ट अटैक से बचा सकती है।

दोस्तों आज के इस लेख में बस इतना ही ।हार्ट अटैक के विस्तृत विश्लेषण के लिए अन्य लेख तैयार किया जा रहा है।

जिसमे हार्ट अटैक का विश्लेषण और उसके प्रकार और उपायों पर पूरी चर्चा होगी।

आपने इस लेख को बड़े ध्यान और धैर्य से पढ़ा इसके लिए आपका आभार।नमस्कार

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