हमें रोज के आर्टिकल्स और जानकारियों में पढ़ने या देखने को मिलता है की ये इस फल को खाने से ये फायदे होते हैं या इस फल में सब्जी में या अनाज में इतना न्यूट्रियंस और मिनरल उपस्थित होता है।
लेकिन यहां पर ध्यान देने योग्य बात ये है की इन तमाम फूड्स का सेवन किस तरीके से किया जाता है या फिर इसे हम किस प्रकार से खा रहें है।क्योंकि इसके फायदे और से मिनरल्स हमें तभी मिल पाएंगे जब हम इसे सही ढंग और सही समय पर खायेंगे,नही तो ये फायदे की जगह नुकसान पहुंचाते है और शरीर पर उल्टी प्रतिक्रिया देते हैं।
आइए जानते हैं कुछ फूड्स के बारे में जिन्हे हम अक्सर गलत तरीके से कंज्यूम करते हैं और क्या है उन्हें खाने का सही ढंग जिससे हमें उनके फायदे प्राप्त हों।
सकरकंद(Sweet potato)
सकरकंद भी विटामिन A,B और C से भर पूर होता है साथ ही इसमें होते है डाइट्री फाइबर और कार्बोहाइड्रेट कॉम्प्लेक्स की अच्छी मात्रा ,जो की शरीर को लंबे समय तक न थकने और काम करने की एनर्जी देते हैं।बहुत से डाइट एक्सपर्ट्स वजन बढ़ाने के लिए इसे उबाल कर खाने की सलाह देते है।पर बहुत से लोग इसे सिर्फ ये सोच कर अवॉइड करते हैं की इसे खाने से सिर्फ वजन बढ़ता है हमने शुरू में ही चर्चा की,की किसी की चीज को खाने के फायदे के साथ साथ उसे खाने का ढंग बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर आप वजन घटाना चाहते हैं तो इसे खाने का तरीका बदलें।आप सकरकंद को गोल गोल काट कर बिना छिले किसी भी कोल्ड प्रेस ऑयल के कुछ बूंदों पर भून सकते हैं। और इसे खा सकते है ऐसे में आप इनके सारे न्यूट्रियंस और विटामिन,मिनरल्स के फायदे पाने के साथ साथ वेट लॉस भी कर सकते है।
लहसुन (Garlic)
लहसुन को लेकर लोगों में बहुत भ्रम है,बहुत से लोग इसे रोज के भोजन में सामिल करना लाभकारी समझते हैं।लहसुन हमारे शरीर की बहुत सी बीमारियों के इलाज में मुख्य भूमिका अदा करता है पर इसे रोज खाना हमारे शरीर के ऊपर नेगेटिव असर डाल सकता है।आज कल लोग रोज के सब्जियों और अन्य खाने में इसका तड़का और इसे डालना जरूरी सा समझते है पर ये सिर्फ एक भ्रम है। ये हमारे लिए नुकसानदेह साबित होता है। जानिए कैसे।Garlic में sulphone hydroxylion जैसे compound उपस्थित होते हैं जिन्हें रोज कंज्यूम करना हमारे नर्वस सिस्टम पर बहुत बुरा असर डालता है।गार्लिक का रोज सेवन हमारी शरीर में तामसिक वातावरण उत्पन्न करता है,और ये हमारे पाचन तंत्रों में अच्छे बैक्टीरिया को भी खत्म करता है।इसे आप इस प्रकार से समझिए की आप खांसी की सिरप को खांसी होने पर पीते हैं,पर यदि खांसी ठीक होने के बाद भी आप इसका लगातार सेवन कर रहे हैं तो ये आपके शरीर में बड़ी बीमारियां से उत्पन्न कर सकता है।आयुर्वेद के मुताबिक लहसुन का सेवन अक्सर बीमारियों को दूर करने में किया जाना चाहिएं और चिकत्सक के उचित सलाह में इसे खाना चाहिए।अबसे गार्लिक को रोज कंज्यूम करना रोक दीजिए।
तुलसी
तुलसी के औषधीय गुण से कौन नही वाकिफ है,आज की मॉडर्न साइंस भी इसके औषधीय गुण को वरीयता दे रही है पर जैसा की हमने शुरू में बात की , कि किसी भी चीज के फायदे उसे ग्रहण करने के तरीके पर निर्भर करता है,आइए जाने।
दोस्तों अक्सर लोग तुलसी के पत्तों को दूध से बन रही चाय में डाल देते हैं और इसके पक जाने पर इस चाय को पीते हैं पर दूध की चाय और तुलसी का कॉम्बिनेशन बिलकुल भी फायदेमंद नहीं बल्कि इस तरीके के सेवन से शरीर में टॉक्सिंस बनते हैं कइयों को तो ये बात अभी पता चली होगी पर सच है।आयुर्वेद में भी तुलसी को दूध के साथ मिलाना या कंज्यूम करना बिलकुल भी उचित नहीं।तुलसी की चाय बनाने का सही तरीका है की पानी,चायपत्ती, अदरक,तुलसी के 6 से 7 पत्ते,और थोड़ी सी कली मिर्च पाउडर पका कर पिया जाए ।
तुलसी को चबाना भी इसे खाने का सही तरीका नही है,बल्कि इसे मुंह में रख कर थोड़े से पानी के साथ निगल जाना चाहिए,दराशाल एक्सपर्ट्स के अनुसार तुलसी के छोटे टुकड़े हमारे मुंह में रह जाने पर इसके पॉयजनेस पिगमेंट हमारे दांतो और मसूड़ों पर बुरा असर डालते है।इसमें कोई संदेह नहीं की तुलसी बहुत से औषधीय गुणों से भरपूर है पर इसे अनजाने में गलत तरीके से कंज्यूम करना फायदे के जगह नुक्सान दे सकता है।
स्प्राउट्स (अंकुरित दाल, बीज, नट्स)
सुबह के नास्ते के तौर पर सबसे अच्छा विकल्प स्प्राउट्स है और हो भी क्यों न ये अपने अंदर लगभग वो सभी न्यूट्रियंस और मिनरल्स लिए होता है जो की हमें दिन के शुरुआत में एक तिहाई हिस्सा स्प्राउट्स से मिल जाता हैं। आयरन,कैल्शियम प्रोटीन,मैग्नीशियम, फोलेट,बहुत से विटामिन्स कॉम्प्लेक्स ये सभी स्प्राउट्स में मौजूद होते हैं।
पर इन्हे गलत तरीके से खाना इनके न्यूट्रियंस को हम तक नहीं पहुंचने देता है जाने कैसे।
बहुत से जन स्प्राउट्स को भून कर या गर्म करके इसमें मसाले मिलाकर इसका सेवन करते है ये सही नहीं है।स्प्राउट्स हो थोड़े समय के लिए ही गर्म करना इनके सारे के सारे न्यूट्रियंस के निकल जाने के लिए उत्तरदाई है।स्प्राउट्स को किसी सब्जी या अन्य फूड के साथ न कंज्यूम करे तो बेहतर है तभी इसका फायदा हम ले पाते हैं हा इसके साथ आप प्याज,नींबू जैसी चीजों को कंबाइंड कर सकते हैं।
स्प्राउट्स डाइजेस्ट होने में जटिल होते है और ठंडी प्रकृति के होते है इसी लिए इन्हे शाम के 5 बजे के बाद न ले तो बेहतर है।
दोस्तों आशा करता हूं की आप सभी को ये जानकारी समझ में आई होगी और फूड्स को गलत सही तरीके से कंज्यूम करने का तरीका पता चला होगा।आपने इस लेख को बड़े धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार।नमस्कार!