वैवाहिक जीवन हो या फिर अवैवाहिक दोनो ही स्तिथियों में पार्टनर्स एक दूसरे को सेक्स के दौरान संतुष्ट करना चाहते हैं।
संभोग के दौरान मेल और फीमेल दोनो ही उत्तेजित होते हैं।
इनकी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा जो ग्लैंड्स उत्तरदाई होते हैं वे सेक्सुअल पार्ट्स के आस पास ही होते है।जो की इनसे जुड़े हुए होते हैं।ये ग्लैंड बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं जिनमे सामान्य अंगो की अपेक्षा अधिक न्यूरॉन्स और अधिक मात्रा में सेंस करने की क्षमता होती है।जिन पर रब करने से,उन्हें दबाकर,और सॉफ्ट तरीके से टच करने पर पार्टनर को संवेदनशीलता का अनुभव अधिक होता है,और पार्टनर इस समय सेक्स को अच्छे से एन्जॉय करते हैं।
आज की चर्चा का मुख्य विषय G spot के बारे में जानना है।जो की माना जाता है महिलाओं के जननांग में स्तिथ ऐसी जगह है जिसके माध्यम से लोग फीमेल पार्टनर को orgasam यानी चरमसुख तक आसानी से पहुंचा सकते हैं।
इस बात में कितनी सच्चाई है और क्या झूठ आज के इस चर्चा में जानेंगे।तो चलिए और आगे बढ़ते है आज के इस हेल्दी ज्ञान में की क्या सच में महिलाओं के जननांग के ऊपर कोई ऐसा G स्पॉट होता है जिससे उन्हें orgasam होता है।
दोस्तों फीमेल में वजाइना सेक्स के दौरान भाग लेने वाली मुख्य अंग है।ये बहुत ही सेंसटिव होती है।साथ ही इसके अंदर के चादर जैसी परत में सेंस करने की क्षमता अधिक होती है साथ ही इसमें रगड़ लगने ,इसे छूने पर इससे महिला उत्तेजित और सेक्स हार्मोन stimulate लगते हैं।
पर हम जैसे ही वजाइना के ऊपर की ओर ध्यान देंगे तब वहां पर एक मटर के दाने जितनी संरचना मौजूद होती है।जो बाहर तो एक मटर के दाने जितनी जान पड़ती है पर इसकी चादर जैसी पूंछ वजाइना के अंदर लगभग नीचे की ओर छोड़ कर बाकी सभी जगह फैली होती है।इस ग्लैंड में संवेदना को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाली तंत्रिकाएं सामान्य से अधिक मात्रा में मौजूद होती हैं।जिनसे सेक्स के दौरान उत्तेजना,चरमसुख जैसी स्थितियां तेज होने लगती हैं।
ये है उस ग्लैंड की संरचना जो g spot के नाम से जानी जाती है।G spot और कुछ नही क्लिटोरिस नामक एक ग्लैंड है जो योनि में मूत्र मार्ग के छिद्र के ऊपर मौजूद होता है।