दोस्तों सर्दियों का मौसम आ गया है और सर्दी का प्रकोप इस बार काफी अधिक है। शादी के मौसम में हमारे आसपास के वातावरण का तापमान तेजी से गिर जाता है। जिसकी वजह से ठंड बढ़ जाती है और शरीर को गर्माहट प्रदान करने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जाते हैं। जैसे खान-पान में बदलाव, गर्म कपड़ों का उपयोग,आग से सिकाई जैसे अन्य उपायों को अपनाकर ठंड से बचने में मदद मिलती है।
हमारे शरीर का आंतरिक तापमान 37 डिग्री सेल्सियस और फारेनहाइट पैमाने पर 98.6 फारेनहाइट होता है। यह वह तापमान होता है जिस पर हमारे शरीर के सारे अंग सुचारू रूप से काम कर पाते हैं, और सारी शारीरिक गतिविधियां संपन्न होती है।
शरीर का तापमान इससे अधिक होने या फिर इसे कम होने पर दोनो ही स्तिथियों में शरीर बीमार पड़ जाता है। शारीरिक गतिविधियां और अंग सुचारू रूप से नहीं चल पाते फलस्वरुप बुखार, कप कपी,ठंड जैसे लक्षण सामने आते है।
दोस्तों आज की चर्चा का मुख्य विषय है शरीर में ठंड लग जाना क्या है?ये कैसे होता है? और कैसे जाना जाए की ठंड शरीर में समा चुकी है?
इन सभी बातों को जानेंगे तो चलिए आगे बढ़ते हैं।
ठंड लग जाना क्या है?
शरीर में ठंड लग जाना ऐसी स्थिति है इसमें शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर बीमार और सुस्त हो जाता है।शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से कम होकर 35 डिग्री सेल्सियस तक आ जाता है तब शरीर में ठंड का प्रभाव अधिक हो जाता है। वही फारेनहाइट पैमाने पर 98.6 फारेनहाइट से कम होकर 97 या फिर इसे कम हो जाना ठंड लग जाने के संकेत हैं।ठंड के मौसम में जरूरी है कि शरीर को बाहरी ठंडी से बचा कर रखा जाए। परंतु कुछ गलतियों और लापरवाहियों से हमारे शरीर को ठंड से प्रभावित होना पड़ जाता है।और ऐसी स्तिथि में शरीर का बीमार होना स्वाभाविक है।
ठंड लग जाना कई कारणों से हो सकता है। शरीर में ठंड का प्रवेश करना हमारी कुछ गलतियों और लापरवाहियों का नतीजा होता है। जैसे
1.सर्दी के मौसम में शरीर के ऊपर उचित मात्रा में कपड़े न
पहनना
2.अंगों का खुला रहना हथेली और पैर के तलवों पर ठंडक लगना
3. कानों को ना ढकना ,ठंडे वातावरण में अधिक देर रहकर सांस लेना
4. ठंडे पानी का सेवन करना
5. अधिक देर तक पानी में रहना या नहाना
6. ठंडी चीज जैसे आइसक्रीम, बर्फ गोला जैसी चीजों का सेवन करना।
इन्ही में से कुछ आदतों और गलतियों की वजह से शरीर का तापमान सामान्य से घटकर कम हो जाता है। जिसकी वजह से कई सारे लक्षण सामने आते और शरीर के बीमार होने के संकेत मिलते हैं। अब कुछ लक्षणों को जानते हैं जिनसे पता चलता है कि शरीर में ठंडी लग चुकी है।
ठंड लगने के लक्षण
1.नाक का बहना या नाक का बंद हो जाना
2.बुखार आना
3.खांसी का आना,बलगम आना
4.कप कपी आना,ठंड लगना
5.पेट में दर्द होना,चुभन,मरोड़ होना
6.हाथ पांव ठंडे हो जाना
7. सीने में दर्द होना
यदि ऐसे लक्षण आपको या फिर किसी अन्य को होते है तब ये समझने की जरूरत है की ठंड शरीर में लग चुकी है।
उपाय
ठंड लगने पर सबसे पहले चिकत्शक की परामर्श लें और उसके द्वारा बताए गए उचित उपचार को अपनाएं।
इसके अलावा घरेलू उपायों को भी अपनाने की जरूरत होती है, और प्राथमिक उपचार कर सकते हैं।
1.शरीर में गर्माहट के लिए गरम दूध में एक चम्मच देसी गाय का घी मिला कर पीएं।
2.एक कटोरी में सरसों का तेल लें उसमे दो से तीन लहसुन काट कर डालें और धीमी आंच पर पका लें।इस गर्म तेल को पैर के तलवों ,हथेलियों पर,सीने पर और पीठ पर मलें और आग से सिकाई करें।
3.ज्यादा से ज्यादा गर्म पेय पदार्थ जैसे अदरक चाय,काढ़ा पीएं।
4. अच्छी नींद लें।
5. ऊनी कपड़ों से शरीर के सभी अंग ढकें।
6. ठंड लगने पर अंडे का सेवन शरीर में गर्माहट प्रदान करने में बहुत कारगर है।अंडे का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत और इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करता है।
7. शहद न केवल एक प्राकृतिक स्वीटनर है बल्कि शरीर को गर्माहट प्रदान इम्यूनिटी बढ़ाने और पाचन तंत्र को मजबूत करने में बहुत उपयोगी है।रोज सुबह और रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद खाना काफी फायदेमंद हो सकती है।
दोस्तों आज की जानकारी हमे ठंड से बचाने और इस सर्द के मौसम में अपना क्या रखने का ज्ञान देती है।आशा है आपको ये जानकारी पसंद आएगी आप भी इसकी मदद से अपना और अपनों का क्या रखेंगे।
आपने इस जानकारी को बहुत ही धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत आभार।नमस्कार!