हम रोज की दिनचर्या को बड़े ही सूझबूझ और अनुशासित बनाए रखने के लिए बहुत कुछ करते हैं।समय पर उठना ,कार्य करना,सोना और न जाने क्या क्या।
इन्ही सब के बीच हमे भोजन भी करना होता है जिससे हम पूरे दिन काम करने की ऊर्जा मिल सके।
दोस्तों हम रोज के भोजन को खा तो लेते हैं परंतु इस बात पर ध्यान नहीं देते की,क्या उसका पूरा पोषण हम तक पहुंच रहा है?हम दिन भर में हम कई ऐसी चीजें खाते हैं जो सिर्फ हमरा पेट भरती हैं, परंतु पोषण के नाम पर हमें कुछ ही मात्रा में पोषक तत्व देती हैं जबकि पोषण का अधिकतर भाग व्यर्थ जाता है।
इसकी वजह से हम भरपूर भोजन लेने के बाद भी थके हुए और कमजोरी का अनुभव करते हैं। क्योंकि हमने भोजन की मात्रा पर ध्यान दिया जबकि उसके पोषण और भोजन की गुणवत्ता को नहीं समझा।
आइए आपको बताते हैं ऐसे 2 भोजनों के बारे में जिन्हें हम खाते तो हैं पर इसका पूरा पोषण नहीं ले पाते।
दाल
दाल भारतीय घरों में लगभग सभी जगह बनाई जाने वाली डिश है। दालें न केवल अपने आप में एक सुपर फूड है बल्कि ये ऐसे बहुत से पोषण हमें देती हैं जो हमारे शरीर की मरम्मत और विकास के लिए जरूरी हैं।प्रोटीन,जिंक,आयरन,फोलेट,मैग्नीशियम,कॉपर, विटामिन कॉम्प्लेक्स जैसे पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं और ये सभी दाल से मिल जाते हैं।
भारतीय लोगों के पास दालों की विभिन्न प्रकार की वराइटी उपलब्ध हैं।जैसे की मसूर की दाल,मूंग की दाल ,अरहर की दाल, उड़द की दाल,राजमा और अन्य।
जिनसे न केवल अलग अलग स्वाद मिलता हैं बल्कि अलग अलग दालों की पोषक तत्वों के मामले अलग अलग विशेषता हैं।
दाल खाने के लिए हम इसे पका तो लेते हैं परंतु इससे हमारे शरीर को दाल के पोषक तत्वों की उचित मात्रा नहीं मिल पाती। अर्थात हम दाल के पोषण पूर्ण इस्तेमाल नहीं कर पाते।
दोस्तों दाल को पकाने के लिए सबसे पहले इसे सही ढंग से प्रिपेयर करना जरूरी होता है।
दाल को हमेशा पकाने से पहले कुछ घंटे के लिए भिगो कर रखें।ऐसा करने से दाल में मौजूद कॉपलेक्स न्यूट्रियंस टूटते हैं और इनका अवशोषण अच्छे से हो पता है।दाल को भिगो कर रखने से इसकी एसिडिक प्रकृति काफी हद तक कम हो जाती है। दाल में मौजूद फाइटीक एसीड का स्तर कम हो जाता है।साथ ही इसमें पॉलिफेनोल्स कंपाउंड जो पोषक तत्वों के अवशोषण को जटिल बनाकर इनके अवशोषण में बाधा उत्पन्न करता है का प्रभाव कम हो जाता हैं।
दाल को हमेशा 4 से 5 घंटे भिगो दे और इसके पश्चात इसे पकाएं इससे न केवल दाल अच्छी और जल्दी पकेगी बल्कि पेट में गैस,एसिडिटी,और पाचन संबधी समस्या नही होगी।
चावल
दाल की ही तरह चावल भी भारतीय घरों में बनाने और खाए जाने वाले कॉमन फूड्स में से एक है।इसमें फाइबर,और कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा के साथ साथ अच्छी मात्रा में कैलोरी भी मिलती है।एक कप चावल को पाकने पर इसमें 4.7 ग्राम प्रोटीन,2 ग्राम कैल्शियम,53 ग्राम कार्बोहड्रेट,और 15 ग्राम तक मैग्नीशियम मिलता है।साथ ही इससे 240 कैलोरी तक ऊर्जा भी मिलती है।
चावल को दाल और अन्य तरल खाद्य के साथ शामिल किया जाता है।इसे बनाने के लिए पहले इसे धुलना जरूरी होता है। जिससे इसमें जमा मिट्टी और धूल के कण की अधिकतम मात्रा साफ हो जाए।आपको इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए की चावल को पकाते समय सिर्फ उतने ही पानी को शामिल करें जो जरूरी हो।अधिक पानी का इस्तमाल चावल के पोषण को वाष्पित कर देता है।साथ ही चावल को पकाने से पहले थोड़ी देर भिगो कर रखने से इसके कॉम्प्लेक्स न्यूट्रियंस ब्रेक होते हैं जिससे पचने में आसान और खाने में मुलायम होता है।
चावल को जब भी भिगो कर रखें तब पकाते समय उस पानी को बिलकुल भी न फेंके।ये पानी फेकने का मतलब है की इसके 40% पोषण को फेंकना।
इसी लिए चावल को इसी पानी के साथ पकाएं जिससे चावल को भिगोया गया हो।
दोस्तों आशा है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आप भी दाल चावल जब भी घर पर बनाएंगे तो इसका एक
पोषण लेने के लिए ऊपर बताई गई विधियों को अपनाएंगे इससे न केवल आपको दोनों खाद्य पदार्थों का पूरा पोषण मिलेगा बल्कि आपकी पाचन संबंधी समस्याएं दूर होगी।
अपने इस लेख को बड़े धैर्य और ध्यान से पढ़ा आपका बहुत-बहुत आभार।नमस्कार?