क्या अंडे का पीला भाग हमारे लिए नुकसानदेह होता है?इसे खाएं या नहीं।

हम सभी ने बहुत से लोगों से ये कहते सुना होगा की अंडे का पीला भाग नहीं खाना चाहिए,पर ऐसा क्यों hai?ये स्पष्ट तौर पर कोई नहीं बता पाता।

अंडा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसमे बहुत से जरूरी पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में निहित होते हैं।जैसे प्रोटीन(अच्छी मात्रा में), मैग्नीशियम,आयरन, पोटेशियम,अमीनो एसिड,विटामिन, ए, बी6,बी12, विटामिन K, विटामिन D आदि।
इसके अलावा इसमें फैट,कैलेस्ट्रोल, कैल्शियम जैसे पदार्थ भी शामिल होते है।
आपको बताते हैं की अंडे के पीले भाग को हिन्दी में जर्दी कहा जाता है, अग्रेंजी में इसे Yolk कहते हैं।
जानने वाली बात ये है की अंडे का पीला भाग पोषक तत्वों के मामले में आगे है।प्रोटीन को छोड़ कर लगभग सभी तत्वों की अधिकता इसी में होती है।अंडे के सफेद भाग में मुख्यता प्रोटीन और calcium पाया जाता है। इसमें कैलेस्ट्रॉल और फैट नही पाया जाता है।
अंडे के पीले भाग में कैलेस्ट्रोल और फैट अधिक मात्रा मौजूद होता है।एक अंडे में 184mg कैलेस्ट्रॉल पाया जाता है और इसमें 68 कैलोरी भी निहित होती है।
इतनी चीजें जानने के बाद अब ये जानना सरल हो जाएगा की अंडे का पीला भाग क्यों और कब नुकसानदेह है।

हार्ट के मरीजों को डॉक्टर पीले भाग से पहरेज करने को कहते है।क्योंकि इसमें कैलस्ट्रोल अधिक मात्रा में होता है जो हार्ट अटैक या हार्ट प्रॉब्लम्स के चांस बढ़ा देता है।
डायबिटीज के मरीजों को भी अंडे के पीले भाग को खाने से बचना चाहिए। रक्त में कैलेस्ट्रोल की अधिकता और फैट मरीज की समस्या गंभीर कर सकता है।
अधिक वजन वाले लोग या फिर जिनके शरीर में फैट अधिक है उन्हे पीले भाग का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें फैट अधिक होता है।वही जो लोग वजन कम कर रहे हैं उन्हें भी इससे परहेज करना चाहिए।

उम्मीद है की अब आप समझ गए होंगे की हम अंडे का सेवन कब और कैसे करना चाहिए।
और किन स्थितियों में अंडे का कौन सा भाग उपयोगी और नुकसानदेह हो सकता है।

मिलेंगे दोस्तो फिर किसी अच्छी जानकारी के साथ तब तक के लिए आज्ञा दीजिए।
आपने इस लेख को बहुत ध्यान से पढ़ा इसके लिए आपका आभार।नमस्कार!

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